खाद्य तेलों पर मूल आयात शुल्क में 20 प्रतिशत बिंदु की बढ़ोत्तरी

14-Sep-2024 01:23 PM

नई दिल्ली। स्वदेशी वनस्पति तेल उद्योग की जोरदार मांग तथा केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के प्रस्ताव को स्वीकृत करते हुए केन्द्र सरकार ने खाद्य तेलों के आयात पर लागू मूल्य सीमा शुल्क की दरों में 20 प्रतिशत बिंदु की भारी बढ़ोत्तरी कर दी है।

केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार क्रूड एवं रिफाइंड श्रेणी के खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है। 

अधिसूचना चना के मुताबिक क्रूड श्रेणी के सोयाबीन तेल, पाम तेल तथा सूरजमुखी तेल पर अब तक मूल आयात शुल्क (0) प्रतिशत था मगर अब 20 प्रतिशत मान्य होगा इसी तरह रिफाइंड संवर्ग के खाद्य तेलों पर मूल आयात शुल्क को 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।

हालांकि रिफाइंड श्रेणी में आरबीडी पाम तेल एवं पामोलीन, रिफाइंड सूरजमुखी तेल तथा रिफाइंड सोयाबीन तेल सम्मिलित हैं मगर भारत में मुख्यत: आरबीडी पामोलीन का ही आयात होता है। 

खाद्य तेलों में आयात शुल्क में हुई इस बढ़ोत्तरी से स्वदेशी तिलहन उत्पादकों एवं क्रशिंग- प्रोसेसिंग उद्योग को राहत मिलने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि खरीफ कालीन तिलहन फसलों और खासकर सोयाबीन की कटाई-तैयारी जल्दी ही जोर पकड़ने की संभावना है जबकि इसका थोक मंडी भाव पहले ही घटकर सरकारी समर्थन मूल्य से काफी नीचे आ चुका है।

जोरदार आपूर्ति के सीजन में कीमत और भी घटने की संभावना व्यक्त की जा रही थी। दोनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- मध्य रपदेश तथा महाराष्ट्र के सोयाबीन उत्पादक घटते बाजार भाव को देखते हुए बेहद चिंतित और परेशान थे।

सीमा शुल्क में वृद्धि होने से घरेलू प्रभाग में खाद्य तेलों का भाव ऊंचा होगा और किसानों को अपने तिलहन का बेहतर मूल्य प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। वैसे आम उपभोक्ताओं को थोड़ी कठिनाई हो सकती है।