किशमिश की कीमतों में तेजी : मंदे की संभावना नहीं

12-Mar-2025 06:44 PM

चालू सीजन के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में किशमिश की पैदावार घटने के कारण मंडियों में नए मालों की आवक आशानुरूप नहीं बन पा रही है। जिस कारण से किशमिश की कीमतों में तेजी का दौर बना हुआ है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है कि अभी कीमतों में तेजी बनी रहेगी। और वर्ष 2025 के दौरान कीमतों में रिकॉर्ड तेजी दर्ज की जा सकती है। वर्तमान में महाराष्ट्र की सांगली, तासगांव मंडी में नए मालों की आवक 85/90 मोटर की हो रही है। मगर स्टॉकिस्टों की मांग अच्छी होने के कारण विगत 2 दिनों के दौरान कीमतों में 15 रुपए प्रति किलो तेजी के साथ भाव 230/250 रुपए प्रति किलो बोले जाने लगे हैं। 

सूत्रों का कहना है कि अंगूर का निर्यात अधिक होने के कारण इस वर्ष किशमिश का उत्पादन प्रभावित हुआ है इसके अलावा बकाया स्टॉक भी गत वर्ष की तुलना में कम माना जा रहा है। जिस कारण से कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। 

पैदावार 

जानकार सूत्रों का कहना है कि चालू सीजन के दौरान देश में किशमिश का उत्पादन 15/17 हजार गाड़ी (प्रत्येक गाड़ी 10  टन) का माना जा रहा है। जबकि गत वर्ष उत्पादन 19/20 हजार गाड़ी का रहा था। वर्ष 2023 में उत्पादन 23/24 हजार गाड़ी एवं वर्ष 2022 में 18/20 हजार गाड़ी का रहा था। लगातार दूसरे वर्ष देश में किशमिश की पैदावार घटने के समाचार है। 

स्टॉक कम 

व्यापारियों का कहना है कि किशमिश का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम रह गया है। गत वर्ष महाराष्ट्र की मंडियों में किशमिश का उत्पादन लगभग 3/3.5 हजार गाड़ी का था जोकि इस वर्ष मात्र 500/600 गाड़ी का रहने के समाचार है। 

मंदा-तेजी 

कमजोर स्टॉक एवं पैदावार भी कम रहने के कारण किशमिश की कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। सूत्रों का मानना है कि वर्ष 2025 के दौरान मंडियों में किशमिश के भाव 200/300 रुपए का स्तर छू सकते हैं। 

बढ़ेगा निर्यात 

जानकार सूत्रों का कहना है कि टर्की में इस वर्ष किशमिश की पैदावार घटने के कारण भारतीय किशमिश में निर्यात मांग अच्छी रहने की संभावना है। मोरक्को रशिया, सऊदी अरब, वियतनाम, श्रीलंका आदि देशों को भारतीय किशमिश का निर्यात किया जाता है। प्राप्त जानकरी के अनुसार वर्ष 2023-24 के किशमिश का कुल निर्यात 33 हजार टन का किया गया।