इस्मा ने चीनी का उत्पादन अनुमान घटाकर 264 लाख टन नियत किया

12-Mar-2025 08:24 PM

नई दिल्ली। प्राइवेट चीनी मिलों की शीर्ष संस्था- इंडियन शुगर एवं बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने चीनी के उत्पादन अनुमान को कुछ कटौती के साथ संशोधित कर दिया है।

12 मार्च 2025 को जारी संशोधित अनुमान में इस्मा ने 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में कुल 299 लाख टन चीनी के उत्पादन की संभावना व्यक्त की है।

इसमें से 35 लाख टन का उपयोग एथनॉल निर्माण में होगा और 264 लाख टन चीनी खाद्य उद्देश्य के लिए उपलब्ध रहेगी।

इससे पूर्व 31 जनवरी 2025 को एसोसिएशन ने जो दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया था उसमें 310.20 लाख टन चीनी के कुल उत्पादन की संभावना व्यक्त की थी।

उस समय एथनॉल निर्माण में 37.50 लाख टन चीनी के इस्तेमाल की उम्मीद व्यक्त की गई थी जबकि खाद्य उद्देश्य के लिए चीनी का उत्पादन 272.70 लाख टन आंका गया था। 

इस्मा की नई संशोधित रिपोर्ट का अनुसार 2024-25 के मौजूदा मार्केटिंग सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में 92.50 लाख टन, महाराष्ट्र में 81 लाख टन, कर्नाटक में 41.50 लाख टन तथा देश के अन्य राज्यों में 49 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सकता है। लम्बे अरसे के बाद महाराष्ट्र को पीछे छोड़कर उत्तर प्रदेश भारत में चीनी का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य बन सकता है। 

एसोसिएशन के मुताबिक चालू सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर कुल 532 चीनी मिलों में गन्ना की क्रशिंग शुरू हुई थी जिसमें से 10 मार्च 2025 तक 304 इकाइयां बंद हो गईं और केवल 228 प्लांट ही क्रियाशील थे।

उत्तर प्रदेश में 26, महाराष्ट्र में 161, कर्नाटक में 72 तथा अन्य राज्यों में 45 मिलें बंद हो चुकी हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 96, महाराष्ट्र में 39, कर्नाटक में 6 तथा  अन्य प्रांतों में 87 चीनी मिलें क्रियाशील है।

इस्मा की रिपोर्ट के मुताबिक चालू मार्केटिंग सीजन के आरम्भ में यानी 1 अक्टूबर 2024 को उद्योग के पास 80 लाख टन चीनी का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था जबकि 264 लाख टन के उत्पादन के साथ पूरे सीजन में इसकी कुल उपलब्धता 344 लाख टन पर पहुंचेगी।

इसमें से 280 लाख टन चीनी का घरेलू उपयोग एवं 10 लाख टन का निर्यात होने के बाद 30 सितम्बर 2025 को 54 लाख टन चीनी का अंतिम अधिशेष स्टॉक बच सकता है जो दो माह की खपत के लिए पर्याप्त है।