पंजाब के गोदामों में जगह की कमी से चावल आपूर्ति की गति धीमी
12-Mar-2025 06:08 PM

चंडीगढ़। केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य- पंजाब में विचित्र स्थिति उत्पन्न होने से प्रांतीय सरकार की चिंता एवं राइस मिलर्स की कठिनाई बढ़ गई है।
दरअसल राज्य के गोदामों में जगह का अभाव होने से राइस मिलर्स को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के लिए कस्टम मिलिंग चावल की आपूर्ति की गति धीमी रखने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
खाद्यान्न खरीद की केन्द्रीय एजेंसी- भारतीय खाद्य निगम को भेजे एक पत्र में पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कहा है कि अभी तक केवल 32 प्रतिशत कस्टम मिल्ड चावल (सीएमआर) की डिलीवरी संभव हो पाई है क्योंकि निगम ने कहा है की गोदामों में चावल के भंडारण के लिए पर्याप्त स्थान खाली नहीं है।
नियमानुसार 31 मार्च तक खाद्य निगम को कस्टम मिल्ड चावल की सम्पूर्ण मात्रा की डिलीवरी हो जानी चाहिए और पंजाब के राइस मिलर्स इसके लिए तैयार भी हैं लेकिन खाद्य निगम ही चावल की डिलीवरी स्वीकारने से हिचक रहा है। इससे राइस मिलर्स में असंतोष बढ़ रहा है क्योंकि उसके पास धान-चावल का पर्याप्त स्टॉक पड़ा हुआ है जिसके भंडारण में असुविधा हो रही है।
आमतौर पर पंजाब में खाद्य निगम के फिल्ड स्टाफ द्वारा राइस मिलर्स को चावल की आपूर्ति के लिए अवैज्ञानिक या असमान ढंग से गोदाम आवंटित कर दिए जाते हैं मगर राज्य सरकार ने इस नियम को समाप्त कर दिया है।
मिलर्स को दूर दराज के गोदामों में चावल पहुंचाने के लिए कहा गया था। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पत्र में कहा गया है कि फील्ड स्टाफ द्वारा राइस मिलर्स को मूल रूप से निर्धारित केन्द्रों के बजाए दूरस्थ स्थानों का गोदाम आवंटित किया जाता है और इसके लिए अलग से कोई परिवहन खर्च भी नहीं दिया जाता है। इससे मिलर्स को भारी कठिनाई होती है और उसका खर्च भी बढ़ जाता है।
पंजाब में चावल की आपूर्ति एवं उसके भंडारण का मसला अभी सुलझा नहीं है जबकि अगले महीने से वहां गेहूं की विशाल खरीद आरंभ हो जाएगी। इससे भडारण का संकट और भी गंभीर हो जाने की आशंका है।
खाद्य निगम सहित सभी सम्बन्धित एजेंसियों की एक महत्वपूर्ण मीटिंग में इस मुद्दे पर बातचीत हुई है और समस्या का समाधान तलाशने का प्रयास तेज होने की उम्मीद है।