कुछ राज्यों में कमजोर प्रदर्शन के कारण धान की सरकारी खरीद में गिरावट

09-Jan-2024 02:15 PM

नई दिल्ली । केन्द्रीय पूल में चावल का योगदान देने वाले कुछ महत्वपूर्ण राज्यों जैसे-छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य प्रदेश एवं आंध्र प्रदेश में धान की सरकारी खरीद की गति धीमी चल रही है।

इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर धान की कुल सरकारी खरीद 7 जनवरी 2024 तक 496.50 लाख टन के करीब ही पहुंच सकी जो पिछले साल की समान अवधि में हुई खरीद से 11.4 प्रतिशत कम है। 

मालूम हो कि छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मध्य प्रदेश में नवम्बर 2023 में विधानसभा का चुनाव हुआ था और वहां धान की खरीद पर अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की गई थी। इसके चलते किसानों ने बोनस पर स्थिति स्पष्ट होने की प्रतीक्षा में धान की बिक्री की गति धीमी रखी थी। 

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2022-23 सीजन के मुकाबले 2023-24 के वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान 7 जनवरी तक धान की सरकारी खरीद आंध्र प्रदेश में 21.30 लाख टन से घटकर 11.20 लाख टन,

तेलंगाना में 57.80 लाख टन से लुढ़ककर 42.20 लाख टन, छत्तीसगढ़ में 86.60 लाख टन से घटकर 76.70 लाख टन, मध्य प्रदेश में 38.80 लाख टन से गिरकर 26.90 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 47.60 लाख टन से गिरकर 40.60 लाख टन तथा हरियाणा में 58.90 लाख टन से फिसलकर 58.80 लाख टन पर सिमट गया।

केवल पंजाब अकेला ऐसा राज्य है जहां धान की सरकारी खरीद पिछले सीजन के 182.10 लाख टन से बढ़कर इस बार 185.40 लाख टन पर पहुंचा। पंजाब केन्द्रीय पूल में धान-चावल का सर्वाधिक योगदान देने वाला राज्य है।

इस तरह राष्ट्रीय स्तर पर धान की कुल सरकारी खरीद 2022-23 सीजन के 560.10 लाख टन से 11.4 प्रतिशत घटकर 2023-24 के सीजन में 496.50 लाख टन पर अटक गया। कुछ राज्यों में खरीद प्रक्रिया अभी जारी है।

केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने चालू सीजन के लिए 521.30 लाख टन चावल (इसके समतुल्य धान) की खरीद का लक्ष्य नियत किया है लेकिन मौजूदा आंकड़ों से संकेत मिलता है कि कुल वास्तविक खरीद इस लक्ष्य से काफी पीछे रह जाएगा।

वैसे केन्द्रीय पूल में चावल और धान का अभी अच्छा स्टॉक मौजूद है जबकि घरेलू प्रभाग में भी आपूर्ति की स्थिति संतोषजनक है।