फसल को नुकसान की आशंका से लालमिर्च के दाम में मजबूती का माहौल

18-Sep-2024 08:23 PM

गुंटूर । अगस्त-सितम्बर की भारी वर्षा एवं बाढ़ से आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों   में लालमिर्च की फसल को नुकसान होने की सूचना मिल रही है जिससे इसका भाव मजबूत होने लगा है। कीमतों में सुधार आने के कारण उत्पादकों एवं स्टाकिस्टों ने लालमिर्च की बिकवाली बढ़ा दी है।

समझा जाता है कि शीघ्र ही चीन और बांग्ला देश सहित कुछ अन्य आयातक देशों में लालमिर्च की मांग की मांग बढ़ सकती है।

आंध्र प्रदेश की गुंटूर मंडी में पिछले दिन लालमिर्च की आवक बढ़कर 50 हजार बोरी पर पहुंच गई जबकि तेलंगाना की वारंगल मंडी में औसतन 5-6 हजार बोरी की दैनिक आवक हो गई है।

मानसूनी वर्षा एवं बाढ़ का प्रकोप थमने के बाद इन दोनों राज्यों में लालमिर्च की आवक एवं व्यापारिक गतिविधियों में सुधार आने लगा है। 

स्टॉकिस्टों एवं दिसावरी व्यापारियों ने लालमिर्च की खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है। पिछले दिनों उत्पादक मंडियों में इसका भाव नरम पड़ गया था मगर लिवाली के जोर पकड़ने से अब कीमतों में सुधार आने लगा है।

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार पर्व-त्यौहार का सीजन अभी जारी है और नवम्बर में शादी-विवाह का समय रहेगा। इसके अलावा सर्दियों (जाड़े के दिनों) में आमतौर पर लालमिर्च की मांग एवं खपत बढ़ जाती है।

इसके लिए दिसावरी डीलर्स  माल का बढ़िया स्टॉक पकड़ने का प्रयास करेंगे। लालमिर्च का अगस्त उत्पादन कुछ कमजोर होने की संभावना है जिसका मनोवैज्ञानिक असर बाजार पर पड़ने की उम्मीद है। 

वैसे चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लालमिर्च का निर्यात प्रदर्शन कमजोर रहा। अप्रैल-जून - 2024 में इसका निर्यात 1,14,103 टन पर सिमट गया जो अप्रैल-जून - 2023 में 1,37,961 टन पर पहुंचा था। समीक्षाधीन तिमाही में इसकी निर्यात आय भी 3095.78 करोड़ रुपए से 28 प्रतिशत घटकर 2215.93 करोड़ रुपए पर अटक गई।