चावल का वैश्विक उत्पादन एवं निर्यात नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान
27-Jun-2025 07:52 PM

लंदन। अंतर्राष्ट्रीय अनाज परिषद (इंटरनेशनल ग्रेन कौंसिल या आईजीसी) ने 2025-26 के मार्केटिंग सीजन में चावल का वैश्विक उत्पादन बढ़कर 54.40 करोड़ टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने की संभावना व्यक्त की है जो 2024-25 सीजन के अनुमानित उत्पादन 54.10 करोड़ टन से 30 लाख टन ज्यादा है।
इस वृद्धि में भारत का अहम योगदान रहेगा। इससे पूर्व 2023-24 के सीजन में 52.50 करोड़ टन तथा 2022-23 के सीजन में 51.70 करोड़ टन चावल का वैश्विक उत्पादन आंका गया था।
आईजीसी ने चावल का वैश्विक व्यापार भी 2024-25 सीजन के 590 लाख टन से 10 लाख टन बढ़कर 2025-26 के सीजन में 600 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो 2023-24 सीजन के वैश्विक व्यापार की मात्रा 580 लाख टन से 20 लाख टन ज्यादा है।
चावल के प्रमुख निर्यातक देशों में भारत, थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान, म्यांमार एवं अमरीका आदि शामिल है जबकि फिलीपींस, इंडोनेशिया, चीन तथा अफ्रीकी देशों में चावल का सर्वाधिक आयात किया जाता है।
भारत पिछले 12-13 वर्षों से दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश बना हुआ है और अब चीन को पीछे छोड़कर इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का सबसे प्रमुख उत्पादक देश भी बन गया है।
परिषद की रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 के मार्केटिंग सीजन के दौरान विश्व स्तर पर 53.40 करोड़ टन चावल का उपयोग होने की संभावना है जो 2025-26 के मार्केटिंग सीजन में बढ़कर 54.10 करोड़ टन पर पहुंच सकता है
लेकिन फिर भी 54.40 करोड़ टन के कुल उत्पादन से 30 लाख टन कम ही रहेगा। इससे पूर्व 2023-24 के सीजन में 52.40 करोड़ टन एवं 2022-23 के सीजन में 52.10 करोड़ टन चावल का वैश्विक उपयोग हुआ था।
उत्पादन के मुकाबले उपयोग कम होने से चावल के वैश्विक बकाया स्टॉक में बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं। आईजीसी के अनुसार 2025-26 के मार्केटिंग सीजन की समाप्ति पर चावल का कुल वैश्विक बकाया स्टॉक बढ़कर 18.20 करोड़ टन पर पहुंच सकता है
जो 2024-25 के अंत में मौजूद संभावित स्टॉक 17.90 करोड़ टन से 30 लाख टन अधिक है। भारत में खरीफ कालीन धान की खेती आरंभ हो चुकी है और अक्टूबर 2025 से इसकी नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो जाएगी।