चीन और भारत में ऊंचे शुल्क से कनाडाई पीली मटर पर दबाव
24-Dec-2025 04:21 PM
वैंकुवर। पिछले साल भारत और चीन कनाडाई पीली मटर के दो सबसे बड़े खरीदार रहे थे मगर चालू वर्ष में इन दोनों देशों में इस पर भारी-भरकम टैरिफ लग गया। इससे कनाडा के बाजार पर दबाव पड़ने लगा। रूस से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण भी पीली मटर की कीमतों में नरमी रही।
चीन की सरकार ने बदले की कार्रवाई करते हुए मार्च 2025 में कनाडाई मटर के आयात पर 100 प्रतिशत का भारी-भरकम आयात शुल्क लगा दिया। एक अग्रणी संगठन- पल्स कनाडा के अनुसार चीन में कनाडा से प्रति वर्ष औसतन 15 लाख टन मटर का निर्यात होता था
मगर वर्ष 2024 में यह घटकर 5 लाख टन के करीब अटक गया। 2025-26 के मार्केटिंग सीजन में लाइसेंस मुक्त सुविधाओं से शिपमेंट और भी घटकर महज 70,400 टन रह गया जो कनाडा से हुए मटर के कुल शिपमेंट 8.92 लाख टन का 8 प्रतिशत से भी कम है। 2024-25 के सीजन में वहां 2.63 लाख टन मटर मंगाई गई थी। जो कनाडा के कुल निर्यात का 26 प्रतिशत से ज्यादा था।
जहां तक भारत का सवाल है तो वर्ष 2025 के दौरान मटर के आयात शुल्क के बारे में वहां चूहें-बिल्ली का खेल चलता रहा। इसके शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा में कई बार बढ़ोत्तरी की गई। अक्टूबर 2025 तक यह सिलसिला चलता रहा लेकिन सरकार ने नवम्बर से इस पर 30 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगा दिया।
घरेलू बाजार में विभिन्न दलहनों की कीमतों में आई गिरावट का प्रमुख कारण पीली मटर के विशाल शुल्क मुक्त आयात को माना गया।
हालांकि उद्योग-व्यापार क्षेत्र इस पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगाने की मांग कर रहा था लेकिन सरकार ने 30 प्रतिशत का ही सीमा शुल्क लगाया।
पश्चिमी कनाडा की मंडियों में 19 दिसम्बर को पीली मटर का औसत डिलीवरी मूल्य 6.50 से 7.38 डॉलर प्रति बुशेल के बीच दर्ज किया गया।
वर्ष 2025 में इसका दाम ऊंचे में 11.40 डॉलर से लेकर नीचे में 5.94 डॉलर प्रति बुशेल के बीच रहा। कनाडा में मटर का उत्पादन 2024-25 सीजन के लगभग 30 लाख टन से बढ़कर 2025-26 के सीजन में 39.30 लाख टन पर पहुंच गया।
