चीनी के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध की समय सीमा आगे बढ़ने की संभावना

06-Sep-2024 07:44 PM

नई दिल्ली । घरेलू बाजार में चीनी की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ केन्द्र सरकार की प्राथमिकता एथनॉल उत्पादन बढ़ाने की है इसलिए वह चीनी के व्यापारिक निर्यात पर लगे प्रतिबंध को निकट भविष्य में समाप्त करने से हिचक सकती है।

इसके अलावा सरकार तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए एथनॉल की खरीद का मूल्य बढ़ाने की योजना भी बना रहे है। 

उल्लेखनीय है कि 1 जून 2023 से ही भारत से चीनी के व्यापारिक निर्यात पर रोक लगी हुई है और 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में इसे बरकरार रखा गया।

जानकारों के अनुसार प्रतिबंध की समय सीमा को 2024-25 के सीजन में भी बढ़ाया जा सकता है। वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए चीनी का निर्यात द्वार खोलना संभव नहीं लगता है।

सरकार की पहली प्राथमिकता चीनी की घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने की है। इसके बाद एथनॉल का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। इसके लिए गन्ना की विशाल मात्रा के इस्तेमाल की आवश्यकता पड़ेगी।

ऐसी हालत में चीनी का इतना विशाल अधिशेष स्टॉक नहीं बचेगा कि उसके निर्यात की अनुमति देने का निर्णय लेना पड़े।

ध्यान देने वाली बात है कि 2024-25 के मार्केटिंग सीजन के लिए सरकार ने एथनॉल निर्माण के लिए चीनी मिलों को अपनी मर्जी एवं जरूरत के अनुरूप गन्ना के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है।

यह निर्णय इस बात का संकेत है कि सरकार चीनी का निर्यात खोलने के मूड में नहीं है जबकि स्वदेशी उद्योग बार-बार निर्यात की अनुमति मांग रहा है।

पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत की अनेक प्रमुख चीनी उत्पादक कंपनियों द्वारा एथनॉल की उत्पादन क्षमता का विकास-विस्तार किया गया है और सरकार इस क्षमता के उपयोग को बढ़ाने पर जोर दे सकती है।