चीन को पीछे छोड़कर भारत बना चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश
18-Jun-2025 08:41 PM

नई दिल्ली। भारत 2011-12 से ही दुनिया में चावल का सबसे प्रमुख निर्यातक देश बना हुआ है और तमाम नियंत्रणों-शुल्कों के बावजूद उसकी यह पोजीशन बरकरार रही। चावल के वैश्विक निर्यात कारोबार में भारत की भागीदारी 40-42 प्रतिशत केआसपास रहती है।
चावल के उत्पादन में चीन पहले और भारत दूसरे नम्बर पर चल रहा था मगर 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में चीन को पीछे छोड़कर भारत संसार में चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया। यह वास्तविकता सिर्फ केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से नहीं बल्कि अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) के आंकड़ों से भी प्रमाणित होती है।
अपनी मई माह की रिपोर्ट में उस्डा ने 2024-25 के सीजन के दौरान भारत चावल का कुल उत्पादन बढ़कर 14.80 करोड़ टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है जो चीन के अनुमानित उत्पादन 14.60 करोड़ टन से भी 20 लाख टन ज्यादा है।
उस्डा के मुताबिक 2025-26 के सीजन में भारत में चावल का उत्पादन और भी बढ़ सकता है क्योंकि सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 69 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा कर दिया है और दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान देश में सामान्य औसत से अधिक बारिश होने की उम्मीद है।
2025-26 के सीजन में भारत में चावल का सकल उत्पादन बढ़कर 15.10 करोड़ टन के ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है जो घरेलू मांग एवं खपत से बहुत ज्यादा होगा और इसलिए निर्यात योग्य स्टॉक में भारी वृद्धि होगी।
केन्द्र सरकार सभी किस्मों एवं श्रेणियों के चावल के निर्यात को पूरी तरह नियंत्रण मुक्त कर चुकी है और देश से इसका शानदार शिपमेंट भी हो चुका है।
धान की खेती के प्रति देशभर के किसानों में उत्साह एवं आकर्षक बरकरार है जिससे इसका क्षेत्रफल ऊंचे स्तर पर रहने की संभावना है।