बासमती चावल के निर्यात पर एपीडा की एडवायजरी से निर्यातक चिंतित

20-Sep-2024 08:28 PM

नई दिल्ली । केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के बासमती एक्सपोर्ट डवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा जारी एक एडवायजरी से निर्यातकों में चिंता एवं दुविधा उत्पन्न हो गई है

लेकिन एपीडा ने कहा है कि इससे चावल के निर्यात अथवा निर्यातकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उद्योग-व्यापार क्षेत्र हैरत में है कि क्या फाउंडेशन को बासमती चावल उद्योग को रेग्युलेट करने का अधिकार प्राप्त है या फिर उसके द्वारा जारी की गई एडवायजरी क़ानूनी रूप से वैध है।

उधर एपीडा के अधिकारियों ने भी स्पष्ट किया है कि यह एडवायजरी न तो अनिवार्य है और न ही इसे मानना आवश्यक है। इसका मतलब हुआ कि यह एडवायजरी ऐच्छिक है।

फाउंडेशन द्वारा 12 सितम्बर 2024 को एक एडवायजरी जारी की गई थी जिसमें कहा गया था कि पैकेट अथवा थैलियों में वही उत्पाद (बासमती चावल) होना चाहिए जिसका निर्यातकों की ओर से दावा किया गया हो और उसके लेवल पर कोई गलत जानकारी नहीं दी जानी चाहिए।

यदि पैकेज के लेवल पर सीड एक्ट 1966 के तहत अधिसूचित बासमती चावल की खास वैरायटी के नाम को उदधृत किया जाता है तो थैली के अंदर भी वही चावल मौजूद रहना चाहिए। यह एडवायजरी सामान्य तौर पर सही प्रतीत होती है। 

लेकिन व्यापारियों / निर्यातकों को एडवायजरी के उस भाग से समस्या है जिसमें कहा गया है कि लेबल पर बासमती पर बासमती चावल की किस्म या श्रेणी का नाम लिखना अनिवार्य नहीं है बल्कि इसे खरीदार / आयातक देशों की जरूरत के अनुरूप रखा जा सकता है। लेकिन चावल के परीक्षण एवं उसमें बाहरी तत्वों के मिश्रण की जांच के लिए कोई प्रक्रिया नियत नहीं की गई है।