बासमती चावल के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य की बंदिश समाप्त

14-Sep-2024 02:21 PM

नई दिल्ली । बेहतर उत्पादन की संभावना एवं निर्यातकों की जोरदार मांग को देखते हुए केन्द्र सरकार ने बासमती चावल के लिए निर्धारित 950 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (मेप) की पाबंदी को समाप्त कर दिया है।

इसके साथ ही बासमती चावल के निर्यातकों को एपीडा से पंजीकरण- सह-आवंटन प्रमाण पत्र हासिल करने के क्रय में मेप का वितरण देना आवश्यक नहीं होगा। संक्षेप में कहा जाए तो अगस्त 2023 से मूल्य बासमती चावल के निर्यात के लिए जो नियम लागू था वह दोबारा प्रभावी हो गया है। 

केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी एक सर्कुलर में एपीडा के चेयरमैन को संबोधित करते हुए इस आशय के निर्णय की घोषणा की गई है और उनसे इस सम्बन्ध में तत्काल आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया गया है।

उल्लेखनीय है कि कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय का ही एक निकाय है जो बासमती चावल के निर्यात की प्रक्रिया का संचालन करता है। 

दरअसल पाकिस्तानी बासमती चावल का निर्यात ऑफर मूल्य काफी नीचे चल रहा है जिससे भारतीय निर्यातकों को भारी कठिनाई होने लगी थी क्योंकि वे 950 डॉलर प्रति टन से कम मूल्य पर निर्यात अनुबंध नहीं कर सकते थे।

आयातक देशों की मांग कमजोर पड़ने की संभावना थी क्योंकि पिछले कुछ महीनों के दौरान उन्होंने विशाल, मात्रा में भारत से बासमती चावल मंगाया था जिसका बड़ा भाग अब भी वहां मौजूद है। इसके अलावा एक अग्रणी खरीदार-ईरान ने अक्टूबर के अंत तक चावल के आयात पर रोक लगा दी है। 

अगस्त 2023 के अंतिम सप्ताह में सरकार ने बासमती चावल के लिए 1200 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य निर्धारित किया था जिसे अक्टूबर में घटाकर 950 डॉलर प्रति टन नियत कर दिया। अब इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।