बारिश की कमी से तेलंगाना में खरीफ फसलों की बिजाई पीछे
26-Jun-2025 03:15 PM

हैदराबाद। धान, कपास एवं मक्का के अग्रणी उत्पादक राज्यों में शामिल- तेलंगाना में इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश काफी कम हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 24 जून तक तेलंगाना में सामान्य औसत से 43 प्रतिशत कम वर्षा हुई और कई जिलों में बारिश का भारी अभाव देखा जा रहा है। इससे खरीफ फसलों की बिजाई प्रभावित हो रही है।
राज्य कृषि विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष में 25 जून तक तेलंगाना में खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 29.90 लाख एकड़ तक ही पहुंच सका जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 35.93 लाख एकड़ से 6.03 लाख एकड़ कम है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान राज्य में धान सहित अनाजी फसलों का उत्पादन क्षेत्र 1.85 लाख एकड़ से बढ़कर 2.52 लाख एकड़ पर पहुंचा मगर दलहनों का बिजाई क्षेत्र 1.91 लाख एकड़ से गिरकर 1.51 लाख एकड़, तिलहनों का क्षेत्रफल 2.00 लाख एकड़ से घटकर 1.47 लाख एकड़ तथा कपास का रकबा 26.42 लाख एकड़ से लुढ़ककर 22.85 लाख एकड़ पर अटक गया।
अनाजी फसलों में धान का उत्पादन क्षेत्र 65 हजार एकड़ से बढ़कर 1.16 लाख एकड़, मक्का का बिजाई क्षेत्र 1.04 लाख एकड़ से बढ़कर 1.17 लाख एकड़ तथा ज्वार का क्षेत्रफल 16 हजार एकड़ से सुधरकर 18 हजार एकड़ पर पहुंच गया। रागी की बिजाई अभी आरंभ ही हुई है।
दलहन फसलों में अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र 1.65 लाख एकड़ से घटकर 1.37 लाख एकड़ तथा मूंग का बिजाई क्षेत्र 23 हजार एकड़ से गिरकर 11 हजार एकड़ पर सिमट गया। उड़द का रकबा भी गत वर्ष के 3227 एकड़ से फिसलकर 2334 एकड़ रह गया।
तिलहन फसलों में सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 1.97 लाख एकड़ से घटकर इस वर्ष 1.47 लाख एकड़ रह गया जबकि मूंगफली एवं अरंडी की बिजाई अत्यन्त सीमित क्षेत्रफल में हुई है।
हालांकि धान का रकबा गत वर्ष से आगे चल रहा है लेकिन राज्य के अनेक जिलों में वर्षा की भारी कमी के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है। जुलाई-अगस्त के दौरान तेलंगाना में अच्छी वर्षा होने की परम्परा रही है और किसानों की उम्मीद उसी बारिश पर टिकी हुई है।