बिजाई क्षेत्र में कमी से हल्दी का उत्पादन 11.6 प्रतिशत घटने का अनुमान

28-Sep-2023 03:24 PM

नई दिल्ली । प्रमुख उत्पादक प्रांतों में बिजाई कम होने तथा मौसम एवं मानसून की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं रहने से हल्दी का घरेलू उत्पादन 11.6 प्रतिशत घटकर इस बार 10.26 लाख टन पर सिमट जाने की संभावना है।

नई फसल की आवक अगले वर्ष फरवरी में शुरू होगी और कमोबेश अप्रैल-मई तक जारी रहेगी। एक अग्रणी विश्लेषक का कहना है कि पिछले तीन साल से किसानों को हल्दी का आकर्षक एवं लाभप्रद मूल्य प्राप्त नहीं हुआ इसलिए चालू वर्ष के दौरान कई क्षेत्रों में हल्दी के उत्पादक गन्ना, मक्का एवं लालमिर्च जैसी फसलों की तरफ मुड़  गए। हल्दी के प्रमुख उत्पादक राज्यों में तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु आदि शामिल हैं। 

समीक्षकों के अनुसार उत्पादक मंडियों में फरवरी से अप्रैल के दौरान हल्दी के नए माल की जोरदार आवक होती है। इसकी बिजाई अप्रैल-मई में ही शुरू हो जाती है। यह नौ माह में तैयार होने वाली मसाला फसल है और इसकी आवक जनवरी से ही आरंभ होती है।

चालू वर्ष के दौरान हल्दी की आवक घट गई क्योंकि कमजोर बाजार भाव को देखते हुए उत्पादकों ने शीत-गृहों (कोल्ड स्टोरेज) एवं गोदामों (वेयर हाउसों) में इसका स्टॉक जमा करने पर विशेष ध्यान दिया। इसके फलस्वरूप हल्दी की कीमतों में जोरदार तेजी आने लगी। मोटे अनुमान के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्यों के कोल्ड स्टोरेज में लगभग 50 लाख बोरी हल्दी का विशाल स्टॉक मौजूद है जबकि प्रत्येक बोरी 50 किलो की होती है। 

समीक्षकों के अनुसार 2023-24 के मार्केटिंग सीजन की शुरुआत के समय देश में करीब 5.53 लाख टन हल्दी का विशाल पिछला बकाया स्टॉक मौजूद रहने का अनुमान है जो चालू मार्केटिंग सीजन के आरंभ में उपलब्ध स्टॉक से 5.3 प्रतिशत ज्यादा है।

इस तरह करीब 10.30 लाख टन के उत्पादन एवं 5.55 लाख टन के बकाया स्टॉक के साथ 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में हल्दी की कुल उपलब्धता 16 लाख टन के आसपास पहुंच सकती है लेकिन फिर भी वह 2022-23 सीजन की तुलना में 6.3 प्रतिशत कम होगी।

हल्दी का निर्यात 1.79 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है जबकि करीब 24 हजार टन का आयात भी हो सकता है। घरेलू प्रभाग में हल्दी की खपत 9.96 लाख टन से बढ़कर ऊपर पहुंच सकती है। 2023-24 सीजन के अंत में हल्दी का बकाया अधिशेष स्टॉक 22.6 प्रतिशत घटकर 4.28 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान है।