भारत ब्रांड चना दाल की बिक्री में हो रहा है जबरदस्त इजाफा

11-Jan-2024 04:16 PM

नई दिल्ली । केन्द्र सरकार द्वारा चार माह पूर्व सस्ते दाम पर भारत ब्रांड के चना दाल का विपणन शुरू किया गया था जिसकी बिक्री और लोकप्रियता अब काफी बढ़ गई है।

सरकार का दावा है कि चना दाल के बाजार में भारत ब्रांड की भागीदारी बढ़कर 25 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है और यह चना दाल की सर्वाधिक बिक्री वाला ब्रांड बन गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि भारत ब्रांड का चना दाल अन्य ब्रांडेड चना दाल से काफी कम दाम पर उपलब्ध है।

केन्द्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह के अनुसार आम उपभोक्ताओं में भारत चना दाल के प्रति तीव्र आकर्षक देखा जा रहा है। इसकी बिक्री की शुरूआती अक्टूबर 2023 में हुई थी।

इसका दाम 60 रुपए प्रति किलो नियत किया गया था जबकि अन्य ब्रांडों के चना दाल का भाव 80 रुपए प्रति किलो या उससे ऊपर ही चल रहा है।

सचिव महोदय के मुताबिक इस सरकारी दाल के प्रति उपभोक्ताओं का रिस्पांस इतना अच्छा है कि देश में सभी ब्रांडों के साथ 1.8 लाख टन चना दाल की औसत मासिक खपत में भारत चना दाल की भागीदारी बहुत कम समय में बढ़कर 25 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2023 से अब तक लगभग 2.28 लाख टन भारत ब्रांड चना दाल की बिक्री हो चुकी है और इसकी औसत मासिक बिक्री 45 हजार टन के करीब बैठ रही है।

शुरूआती चरण के दौरान केवल 100 रिटेल बिंदुओं (आउटलेट) के माध्यम से इसकी बिक्री आरंभ हुई थी जो धीरे-धीरे बढ़कर अब 13,000 रिटेल आउटलेट तक पहुंच गई है। इसमें मोबाइल (गतिमान) एवं नियत (स्थिर) - दोनों तरह के आउटलेट शामिल हैं। देश में 21 राज्यों के 139 नगरों- शहरों में अभी भारत चना दाल की बिक्री हो रही है। 

उपभोक्ता मामले सचिव के अनुसार सरकार के इस प्रयास से दाल-दलहन की कीमतों को नियंत्रित करने में सहायता मिली है। केन्द्रीय पूल में उपलब्ध चना की प्रोसेसिंग करके चना दाल की बिक्री की जा रही है। चना दाल के दमा में कमी आने पर अन्य किस्मों की दालों का भाव भी कुछ नरम पड़ने की संभावना है।

भारत ब्रांड चना दाल फिलहाल नैफेड, एनसीसीएफ, केन्द्रीय भंडार तथा पांच प्रांतीय सहकारी एजेंसियों के माध्यम से बेची जा रही है।

इन एजेंसियों को बफर स्टॉक से 47.83 रुपए प्रति किलो की दर से साबुत चना इस शर्त पर उपलब्ध करवाया जा रहा है कि वे  इसकी खुदरा बिक्री (दाल की) 60 रुपए प्रति किलो से कम दाम पर नहीं करेंगी।

ये एजेंसियाँ सरकार से रियायती मूल्य पर साबुत चना खरीदती हैं। उसकी मिलिंग- प्रोसेसिंग एवं पॉलिशिंग करवानी हैं और फिर पॉलिशदार चना दाल की बिक्री करती है।