बिहार में बारिश होने से खरीफ फसलों को फायदा

22-Sep-2023 07:54 AM

पटना । बिहार के अनेक उत्तरी जिलों में पिछले दो दिन से हो रही बारिश ने किसानों के चेहरे पर ख़ुशी की लाली पैदा कर दी है। वर्षा के भारी अभाव से जूझ रहे इस राज्य में खरीफ फसलों को इस बारिश से काफी राहत मिलने की उम्मीद है।

दिलचस्प तथ्य यह है कि मानसून की कम सक्रियता के बावजूद बिहार के किसानों ने धान की खेती का जोखिम उठाया और इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का सफल प्रयास किया। उत्पादकों को उम्मीद थी कि आगे अच्छी बारिश होने पर फसल की हालत सुधर जाएगी।

ध्यान देने की बात है कि पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तुलना में बिहार सहित अन्य पूर्वी राज्यों तथा दक्षिणी प्रायद्वीप में धान की खेती देर से शुरू होती है और देर तक चलती है।

यही कारण है कि जहां पंजाब-हरियाणा में धान की फसल पकने के चरण में पहुंच गई है वहीँ बिहार में अभी वानस्पतिक (वैजिटेटिव) दौर में ही है। दौर में ही है। इस अवस्था में फसल को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलने पर उसकी प्रगति की रफ्तार अच्छी रहेगी और औसत उपज दर में बढ़ोत्तरी की संभावना भी बनेगी। 

बिहार के जिन जिलों में अभी बारिश का दौर जारी है उसमें समस्तीपुर, बेगुसराय, खगड़िया, सहरसा, सुपौल एवं मधेपुरा आदि शामिल है। इससे पूर्व दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी तथा चम्पारण संभाग में भी बारिश हुई थी।

इन जिलों में धान एवं मक्का सहित कई अन्य खरीफ फसलों की खेती होती है। इस वर्ष से किसानों को सिंचाई के लिए अलग से राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी। यदि आगे एक-दो अच्छी बारिश हो जाए तो धान का उत्पादन बेहतर हो सकता है।

बंगाल की खाड़ी के ऊपर निर्मित कम दाब के प्रभाव से मानसून की सक्रियता एवं गतिशीलता बढ़ी है। मौसम विभाग ने पहले कहा था कि सितम्बर के तीसरे सप्ताह के दौरान देश के पूर्वी भाग में अच्छी बारिश हो सकती है।

ज्ञात हो कि बिहार के साथ-साथ झारखंड, मणिपुर, मिजोरम एवं केरल जैसे राज्य गंभीर सूखे की चपेट में फंसे हुए थे। इस बारिश से  खासकर बिहार में खरीफ उत्पादन सुधरने की उम्मीद जगी है।