भू राजनैतिक समस्यायों के बावजूद गेहूं के दाम में तेजी के सीमित आसार
26-Dec-2024 08:10 PM
कंसास सिटी । भू राजनैतिक समस्याओं एवं अशांत वातावरण पर नजर रखते हुए वर्ष 2024 का समय अब समाप्त होने जा रहा है। एक तरफ रूस तथा यूक्रेन के बीच भीषण संघर्ष का दौर जारी रहा तो दूसरी ओर मध्य पूर्व एशिया में स्थिति काफी विस्फोटक बनी रही।
ईरान, इजरायल, सीरिया, लेबनान तथा तुर्कीस इसमें संलिप्त थे जबकि अमरीका और रूस ने परोक्ष भूमिका निभाई। आमतौर पर ऐसी हालत में गेहूं का भाव ऊंचा और तेज होना चाहिए था लेकिन बेहतर उत्पादन एवं ऊंचे स्टॉक के कारण बाजार में काफी हद तक स्थिरता बनी रही।
व्यापार विश्लेषको के मुताबिक गेहूं के वैश्विक बाजार भाव में सीमित उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है क्योंकि इसकी मांग एवं आपूर्ति के बीच लगभग संतुलन बना हुआ है।
दक्षिणी गोलार्द्ध और खासकर ऑस्ट्रेलिया तथा ब्रजील अर्जेन्टीना में नए गेहूं की आवक हो रही है जबकि रूस, अमरीका, कनाडा, फ्रांस एवं यूक्रेन जैसे अन्य निर्यातक देशों में भी इसका अच्छा खासा स्टॉक अभी मौजूद है। प्रमुख आयातक देश गेहूं की खरीद में ज्यादा जल्दबाजी नहीं दिखा रहे हैं।
शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबोट) में मई 2025 अनुबंध के लिए गेहूं का वायदा भाव पिछले दिन 0.6 प्रतिशत घट गया लेकिन यूरोप में भाव तेज देखा गया।
ब्रिटेन में फीड क्वालिटी के गेहूं का वायदा मूल्य 0.9 प्रतिशत तथा पेरिस एक्सचेंज में मिलिंग गेहूं का वायदा भाव 0.7 प्रतिशत बढ़ गया। शिकागो एक्सचेंज में मक्का के वायदा मूल्य में 0.9 प्रतिशत का सुधार दर्ज किया गया।
अमरीकी कृषि विभाग की दिसम्बर रिपोर्ट में गेहूं के बजाए मक्का का दाम अधिक और मजबूत रहने का अनुमान लगाया गया है। रूस से दिसम्बर 2024 में 33-35 लाख टन के बीच गेहूं का निर्यात होने का अनुमान व्यक्त किया गया है जो नवम्बर के शिपमेंट 41 लाख टन से कम मगर पंचवर्षीय औसत निर्यात के लगभग बराबर है।
उधर अर्जेन्टीना में रोजारियो ग्रेन एक्सचेंज ने वर्ष 2024 के लिए गेहूं का उत्पादन अनुमान 5 लाख टन बढ़ाकर 193 लाख टन निर्धारित किया है जबकि 58 प्रतिशत फसल की कटाई हो चुकी है।