बफर स्टॉक के निर्माण हेतु सरकार प्रचलित बाजार भाव पर खरीदेगी तुवर

26-Dec-2023 02:25 PM

नई दिल्ली । बफर स्टॉक में मात्रा बढ़ाने तथा किसानों को लाभप्रद वापसी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने प्रचलित बाजार मूल्य पर अरहर (तुवर) खरीदने का निर्णय लिया है।

उल्लेखनीय है कि 2023-24 सीजन के लिए तुवर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 7000 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है जबकि इसका थोक बाजार भाव इससे 2000-3000 रुपए प्रति क्विंटल ऊंचा चल रहा है। 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केन्द्र सरकार अपनी अधीनस्थ एजेंसियों- राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) तथा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड) के माध्यम से सीधे किसानों अथवा प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटी (पैक्स) से तुवर की खरीद सुनिश्चित करेगी।

इसके लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख अरहर उत्पादक राज्यों में किसानों का रजिस्ट्रेशन आरंभ हो गया है। तुवर की खरीद के लिए कीमत का जो फार्मूला नियत हुआ है उसके तहत खरीद के दिन से पिछले एक सप्ताह की अवधि के दौरान प्रचलित थोक मंडी मूल्य के आधार पर भाव नियत किया जाएगा। 

अधिकारियों का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊंचे पाम पर तुवर की खरीद होने से किसानों को उसका उत्पादन बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा और उससे विदेशों से इसके आयात पर निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी। उड़द की खरीद के लिए भी यह विधि अपनाई जाएगी।

महाराष्ट्र की लातूर मंडी में अरहर का भाव पिछले दिन 9500-9600 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो न्यूनतम समर्थन मूल्य से 2500-2600 रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा था।

मिलर्स एवं स्टॉकिस्ट भी इसकी खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। तुवर के अन्य माल की आवक शुरू हो गई है मगर अभी मात्रा कम है। उत्पादन एवं उपयोग के बीच भारी अंतर होने से साबुत तुवर एवं इसकी दाल के दाम में जबरदस्त तेजी आ गई थी।

बाजार भाव काफी ऊंचा होने से नैफेड के समर्थन मूल्य पर तुवर की खरीद करने एवं उसका बफर स्टॉक बनाने में भारी कठिनाई हुई। 

उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों के अनुसार शनिवार (23 दिसंबर) के तुवर दाल का मॉडल खुदरा मूल्य बढ़कर 160 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया जो छह माह पूर्व प्रचलित भाव से 33 प्रतिशत ज्यादा था।

अगले महीने से तुवर की सरकारी खरीद की प्रक्रिया आरंभ होने की संभावना है क्योंकि तब तक मंडियों में इसके नए माल की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ने लगेगी।