वित्त मंत्री ने आयकर विधेयक वापस लिया- 11 अगस्त को संशोधित प्रारूप पेश होगा

08-Aug-2025 08:08 PM

नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी 8 अगस्त (शुक्रवार) को लोक सभा में आयकर विधेयक (इनकम टैक्स बिल) 2025 को औपचारिक रूप से वापस ले लिया। भाजपा के सांसद वैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली सेलेक्ट कमिटी द्वारा नियमन के प्रारूप (ड्राफ्ट लेजिस्लेशन) पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद वित्त मंत्री ने विधेयक को वापस लेने की घोषणा कर दी।

अब इस विधेयक का संशोधित प्रारूप 11 अगस्त 2025 को संसद में प्रस्तुत किए जाने की संभावना है जिसमें समिति अधिकांश सलाह एवं सिफारिश को शामिल किया जा सकता है।

मौजूदा विधेयक को वापस लेने तथा एक सिंगल एवं अपडेटेड सर्जन को दोबारा प्रस्तुत किए जाने का मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रारूपों (ड्राफ्ट) से उत्पन्न भ्रम की स्थिति को दूर करना और यह सुनिश्चित करना है कि सदन (संसद) एक व्यापक, समेकित एवं सर्वसम्मत प्रावधानों पर विचार करे। उल्लेखनीय है कि इनकम टैक्स बिल का मूल प्रारूप 13 फरवरी 2025 को संसद में प्रस्तुत किया गया था। 

जानकार सूत्रों के अनुसार इस अपडेटेड ड्राफ्ट में अनेक महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इसके तहत विशुद्ध रूप से धार्मिक गैर लाभ वाले संगठनों (एनपीओ) को स्वेच्छा से दिया जाने वाला अनुदान टैक्स से छूट का लाभ प्राप्त करता रहेगा।

लेकिन धार्मिक-सह-सहायतार्थ ट्रस्ट से प्राप्त होने वाले ऐसे अनुदान पर टैक्स लगाया जाएगा। इसमें स्कूल और अस्पताल आदि का संचालन करने वाले ट्रस्ट शामिल हैं।

करदाताओं को सही समय पर आयकर रिटर्न भरने के बाद भी कोई जुर्माना चुकाए बगैर टीडीएस रिफंड का दावा करने की अनुमति दी जा सकती है।

यदि आयकर विधेयक का संशोधित प्रारूप संसद से पारित हो जाता है तो यह मौजूदा आयकर  अधिनियम 1961 को विस्थापित कर देगा और उसके बाद भारत के टैक्स कोड का आधुनिकीकरण हो जाने की उम्मीद है जो डिजीटल युग की जरूरतों के लिए उपयुक्त होगा। 

31 सदस्यीय सेलेक्ट कमिटी का गठन आयकर विधेयक को आरंभिक चरण में संसद में प्रस्तुत किए जाने के तत्काल बाद किया गया था ताकि सभी सम्बन्ध पक्षों एवं विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करके फीडबैक हासिल किया जा सके।