गुजरात के कांडला बंदरगाह से हुआ ऑयल मील का सर्वाधिक निर्यात
18-Apr-2025 08:36 PM

मुम्बई। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत से वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान ऑयल मील या डीओ सी का कुल निर्यात घटकर 43.43 लाख टन के करीब सिमट गया जो वित्त वर्ष 2023-24 के कुल शिपमेंट 48.85 लाख टन से 11 प्रतिशत कम रहा।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान ऑयल मील का सर्वाधिक निर्यात गुजरात के कांडला एवं मूंदड़ा बंदरगाह से हुआ जबकि महाराष्ट्र का मुम्बई / जेएनपीटी बंदरगाह तीसरे नंबर पर रहा।
गुजरात के बंदरगाहों से डीओसी के शिपमेंट में कमी आई मगर महाराष्ट्र के बंदरगाह से निर्यात बढ़ गया। एसोसिएशन द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार 2023-24 के मुकाबले 2024-25 के वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) के दौरान ऑयल मील का निर्यात शिपमेंट कांडला बंदरगाह से 16.33 लाख टन से 11.7 प्रतिशत गिरकर 14.43 लाख टन एवं मूंदड़ा बंदरगाह से निर्यात शिपमेंट 14.53 लाख टन से 34.25 प्रतिशत घटकर 9.55 लाख टन पर अटक गया।
दूसरी ओर ऑयल मील का निर्यात शिपमेंट इसी अवधि में मुम्बई / जेएनपीटी बंदरगाह से 4.35 लाख टन से 70.75 प्रतिशत उछलकर 7.43 लाख टन तथा पीपावाव बंदरगाह से 33 हजार टन से 40.4 प्रतिशत बढ़कर 46 हजार टन पर पहुंचा।
देश के अन्य बंदरगाहों से 2024-25 के वित्त वर्ष में 11.43 लाख टन ऑयल मील का निर्यात हुआ जो 2023-24 के शिपमेंट 12.18 लाख टन से 6.10 प्रतिशत कम रहा।
गुजरात का कांडला बंदरगाह राजस्थान से नजदीक है इसलिए वहां से रेपसीड मील का अधिक निर्यात होता है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं हरियाणा जैसे सरसों के शीर्ष उत्पादक प्रांतों के मिलर्स- प्रोसेसर्स एवं निर्यातक रेपसीड मील के निर्यात शिपमेंट के लिए महाराष्ट्र के मुकाबले गुजरात के बंदरगाहों को प्राथमिकता देते हैं।
मार्च 2005 में भारतीय बंदरगाहों पर सोया मील का फ्री ऑन बोर्ड निर्यात ऑफर मूल्य औसतन 356 डॉलर प्रति टन, रेपसीड मील का 196 डॉलर प्रति टन तथा अरंडी मील का 75 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया जो फरवरी के औसत मूल्य से नीचे रहा।