तुवर एवं उड़द का रकबा घटने से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका

01-Aug-2025 05:53 PM

नई दिल्ली। पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन में दोनों प्रमुख दलहनों- अरहर (तुवर) एवं उड़द के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आ रही है जिससे इसका उत्पादन घटने तथा आयात पर निर्भरता बढ़ने की आशंका है हालांकि अभी बिजाई सीजन जारी है इसलिए क्षेत्रफल के बारे में निश्चित अनुमान लगाना कठिन है लेकिन इसकी खेती में किसानों का उत्साह एवं आकर्षण कुछ घटने के संकेत अवश्य मिल रहे हैं।

इस बार कर्नाटक एवं महाराष्ट्र जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में किसान तुवर के बजाए महत्वपूर्ण उत्पादक इलाकों में भारी वर्षा होने एवं बाढ़ का माहौल बनने से फसल को नुकसान होने की खबर मिल रही है। 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अखिल भारतीय स्तर पर तुवर का कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 38 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 34.90 लाख हेक्टेयर रह गया।

प्रमुख उत्पादक राज्यों में इसका बिजाई क्षेत्र 34.07 लाख हेक्टेयर से गिरकर 31.73 लाख हेक्टेयर पर अटक गया। इसके तहत तुवर का रकबा कर्नाटक में 15.42 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 13.01 लाख हेक्टेयर (18 जुलाई तक) महाराष्ट्र में 11.95 लाख हेक्टेयर से गिरकर 11.76 लाख हेक्टेयर तथा गुजरात में 1.96 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 1.55 लाख हेक्टेयर रह गया

जबकि दूसरी ओर इसका क्षेत्रफल आंध्र प्रदेश में 79 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 97 हजार हेक्टेयर तथा तेलंगाना में 3.95 लाख एकड़ से बढ़कर 4.44 लाख एकड़ पर पहुंच गया।    

जहां तक उड़द की बात है तो इसका कुल घरेलू उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 17.80 लाख हेक्टेयर से 1.20 लाख हेक्टेयर घटकर इस बार 16.60 लाख हेक्टेयर रह गया।

इसके तहत इसका बिजाई क्षेत्र गुजरात में 50 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 40 हजार हेक्टेयर तथा महाराष्ट्र में 3.92 लाख हेक्टेयर से गिरकर 3.53 लाख हेक्टेयर रह गया।

कुछ अन्य राज्यों में भी इसका रकबा घटा है। दूसरी ओर उड़द का बिजाई क्षेत्र कर्नाटक में 92 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 95 हजार हेक्टेयर तथा राजस्थान में 2.94 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.11 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। अन्य प्रांतों में उड़द की खेती में कुछ बदलाव देखा जा रहा है।