तिलहनों के उत्पादन क्षेत्र में 67 हजार हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी

23-Dec-2025 08:21 PM

नई दिल्ली। यद्यपि सरसों एवं सैफ्लावर का रकबा गत वर्ष से आगे चल रहा है लेकिन मूंगफली एवं असली की बिजाई पिछड़ रही है। उसके फलस्वरूप- रबी कालीन तिलहन फसलों के कुल क्षेत्रफल में मामूली बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की नई साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा रबी सीजन में 19 दिसम्बर 2025 तक रबी तिलहन फलसों का कुल उत्पादन क्षेत्र सुधरकर 93.33 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 92.65 लाख हेक्टेयर से 67 हजार हेक्टेयर ज्यादा है।

दिलचस्प तथ्य यह है कि मौजूदा रबी सीजन में तिलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र पहले ही बढ़कर 86.78 लाख हेक्टेयर के सामान्य औसत क्षेत्रफल से आगे निकल चुका है और पिछले रबी सीजन की सम्पूर्ण अवधि के कुल रकबा 93.49 लाख हेक्टेयर से महज 16 लाख हेक्टेयर पीछे रह गया। चूंकि कई क्षेत्रों में बिजाई की प्रक्रिया अभी जारी है इसलिए कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से ऊपर पहुंच सकता है। 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान सबसे प्रमुख तिलहन-सरसों का उत्पादन क्षेत्र 86.57 लाख हेक्टेयर से उछलकर 87.80 लाख हेक्टेयर, कुसुम (सैफ्लावर या करडी) का बिजाई क्षेत्र 60 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 79 हजार हेक्टेयर

तथा सूरजमुखी का क्षेत्रफल 34 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 39 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा लेकिन दूसरी ओर मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 2.83 लाख हेक्टेयर से घटकर 2.36 लाख हेक्टेयर और अलसी का बिजाई क्षेत्र 2.00 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.61 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।

तिल का रकबा 6-7 हजार हेक्टेयर रहा जो गत वर्ष के बराबर ही है जबकि अन्य तिलहनों का क्षेत्रफल 24 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 32 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया। 

जहां तक सरसों का सवाल है तो इसका सामान्य औसत क्षेत्रफल 79.17 लाख हेक्टेयर आंका गया है जबकि वास्तविक बिजाई क्षेत्र इससे जल्दी आगे निकल चुका है।

सरसों का उत्पादन क्षेत्र 2024-25 सीजन के कुल क्षेत्रफल में भी ऊपर पहुंच सका है। अधिकांश  प्रमुख उत्पादक इलाकों में सरसों की बिजाई पूरी हो चुकी है।