तिलहनों के बेहतर उत्पादन से खाद्य तेलों का भाव स्थिर रहने की उम्मीद
30-Apr-2025 05:04 PM

मुम्बई। पिछले साल सितम्बर में सरकार द्वारा क्रूड एवं रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में 20 प्रतिशत बिंदु की बढ़ोत्तरी किए जाने से इसके घरेलू बाजार मूल्य में कुछ तेजी आ गई थी लेकिन अब बाजार धीरे-धीरे शांत या स्थिर होने लगा है।
एक अग्रणी कम्पनी का मानना है कि तिलहन फसलों के बेहतर घरेलू उत्पादन को देखते हुए आगामी समय में भी खाद्य तेलों का दाम सीमित उतार-चढ़ाव के साथ एक निश्चित सीमा में स्थिर रह सकता है।
मलेशिया तथा इंडोनेशिया में पाम तेल का निर्यात ऑफर मूल्य काफी घट गया है जिससे भारत में इसका आयात कुछ सस्ता हो जाएगा। इसके फलस्वरूप आपूर्तिकर्ता देशों में सोयाबीन तेल एवं सूरजमुखी तेल की कीमतों पर भी दबाव पड़ने की संभावना है।
ब्रांडेड एवं पैकेज्ड सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल, सरसों तेल, मूंगफली तेल, राईस ब्रान तेल तथा बिनौला (कॉटन सीड) तेल आदि के कारोबार में सलग्न इस नामी-गिरामी कम्पनी का कहना है कि भारत में इस वर्ष तिलहनों और खासकर सोयाबीन,
मूंगफली एवं सरसों का संतोषजनक उत्पादन हुआ है। पिछले दो तीन महीने से पाम तेल का आयात काफी कम हो रहा है लेकिन फिर भी खाद्य तेलों की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी हुई है और कीमतों में ज्यादा तेजी का माहौल नहीं देखा जा रहा है।
मई-जून में पाम तेल का आयात बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि भारत में इसका स्टॉक घट गया है। सोया तेल एवं सूरजमुखी का आयात सामान्य रूप से जारी है।
घरेलू प्रभाग में सोयाबीन एवं मूंगफली के साथ-साथ सरसों की भी अच्छी आवक हो रही है और उद्योग-व्यापार क्षेत्र द्वारा जरूरत के लायक उसकी खरीद भी की जा रही है।
सरकार के पास सोयाबीन एवं मूंगफली का रिकॉर्ड स्टॉक मौजूद है जिसकी खरीद पिछले खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई थी। तिलहनों का यह सरकारी स्टॉक जब खुले बाजार में उतरेगा तब आपूर्ति एवं उपलब्धता और भी बढ़ जाएगी।