तकनीकी वस्त्र उत्पादों का निर्यात आगामी वर्षों में तेजी से बढ़ने के आसार

26-Sep-2023 10:29 AM

मुम्बई । सिंथेटिक एंड रेयॉन टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रोमोशन कौंसिल के चेयरमैन का कहना है कि भारत के टेक्नीकल वस्त्र उत्पादों का निर्यात आगामी वर्षों में निर्बाध ढंग से बढ़ने के आसार हैं क्योंकि इसने अभी इस संवर्ग का दोहन आरंभ ही किया है।

मनुष्य निर्मित फाइबर (एम एम एफ) के संवर्ग में होने वाले सम्पूर्ण निर्यात में टेक्नीकल टेक्सटाइल का योगदान 30 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यह भारत के लिए महज शुरुआत है और आने वाले समय में तेजी से बढ़ेगा। 

टेक्नीकल वस्त्र उत्पादों के समूह में खेलों में पोशाक, अग्नि शमन वस्त्र, जियो टेक्सटाइल, निर्माण स्थल के कपड़े, कृषि तकनीक, औद्योगिक वस्त्र एवं घरों में सजावट के कपड़े आदि शामिल होते हैं।

इस संवर्ग के उत्पादन एवं निर्यात में 60 प्रतिशत की भागीदारी जर्मनी  की रहती है। टेक्नीकल को इस्पात (स्टील) से भी ज्यादा मजबूत बनाया जा सकता है और रॉकेट तक में इसका इस्तेमाल हो सकता है। टेक्नीकल टेक्सटाइल को एक वाहन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है जो एम एम एफ़ के निर्यात को आगे खींचता रहेगा। 

वर्तमान समय में भारत से निर्यात होने वाले वस्त्रों में सूती कपड़ों का सबसे अधिक- करीब 60-65 प्रतिशत योगदान रहता है। भारत दुनिया का अग्रणी कपास उत्पादक देश है और यहां रूई से अनेक तरह के वस्त्र उत्पादों का निर्माण किया जाता है।

लेकिन वैश्विक बाजार में रूख बदलने लगा है। वहां वस्त्रों की कुल मांग में एम एम एफ़ की हिस्सेदारी बढ़कर 70 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है। इसके फलस्वरूप भारत को कॉटन टेक्सटाइल के साथ-साथ टेक्नीकल टेक्सटाइल का उत्पादन एवं निर्यात बढ़ाने पर भी ध्यान देना होगा।

कपास का उत्पादन एवं उपयोग जारी रखना आवश्यक है क्योंकि इससे निर्मित पोशाक  की मांग भी वैश्विक बाजार में बरकरार रहेगी।