शुरूआती गिरावट के बाद धान की सरकारी खरीद में बढ़ोत्तरी के संकेत
11-Dec-2024 07:22 PM
नई दिल्ली । अक्टूबर माह से 2024-25 का खरीफ मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर आरंभ हुआ और शुरूआती दौर में तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की सरकारी खरीद की गति धीमी रही।
इसका प्रमुख कारण फसल की कटाई-तैयारी देर से शुरू होना था। मध्य नवम्बर तक धान की सरकारी खरीद गत वर्ष से पीछे रही क्योंकि पंजाब, हरियाणा एवं तमिलनाडु में खरीद पिछड़ गई।
लेकिन उसके बाद जब छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा एवं बिहार जैसे राज्यों में खरीद की प्रक्रिया आरंभ हुई तब आंकड़ा तेजी से बढ़ने लगा।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार धान की सरकारी खरीद पहले ही गत वर्ष के 333.54 लाख टन से बढ़कर इस बार 340.35 लाख टन पर पहुंच चुकी है और अब कई प्रांतों में इसकी जोरदार खरीद हो रही है।
पंजाब-हरियाणा में धान की सरकारी खरीद बंद हो चुकी है और वहां खरीद में कमी भी आई है। पंजाब में धान की खरीद 185.27 लाख टन से घटकर 172.27 लाख टन तथा हरियाणा में 58.93 लाख टन से फिसलकर 5.22 लाख टन रह गई। बिहार में खरीद 1.68 लाख टन रही जो गत वर्ष 1.83 लाख टन पर पहुंची थी।
दूसरी ओर धान की सरकारी खरीद छत्तीसगढ़ में 21.20 लाख टन से उछलकर 34.49 लाख टन तथा आंध्र प्रदेश में 5.74 लाख टन से बढ़कर 13.61 लाख टन पर पहुंच गई। कम योगदान देने वाले राज्यों- हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, आसाम तथा उत्तराखंड में धान की अच्छी खरीद हो रही है।
लेकिन केरल एवं उड़ीसा में खरीद गत वर्ष से पीछे चल रही है। उड़ीसा एवं बिहार सहित कुछ अन्य राज्यों में खरीद लम्बे समय तक जारी रहती है। छत्तीसगढ़ में इस बार 160 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है।