शुल्क मुक्त होने से पीली मटर का हुआ विशाल आयात
30-Apr-2025 03:43 PM

नई दिल्ली। घरेलू प्रभाग में दलहनों की आपूर्ति की उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने दिसम्बर 2023 में पीली मटर के आयात को शुल्क मुक्त कर दिया था और कुछ शर्तों नियंत्रणों को भी वापस लेने की घोषणा की थी। इसके फलस्वरूप भारत में इसका आयात अत्यन्त तेजी से बढ़ने लगा और यह रिकॉर्ड स्तर के आसपास पहुंच गया।
एक अग्रणी एग्री कॉमोडिटी मार्केट रिसर्च फर्म- आई ग्रेन इंडिया के अनुसार दिसम्बर 2023 से मार्च 2025 के दौरान भारत में 32.13 लाख टन से अधिक पीली मटर का विशाल आयात हुआ।
वित्त वर्ष 2024-25 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान इसका आयात उछलकर 20.44 लाख टन से भी ऊपर पहुंच गया जबकि 2023-24 में 11.69 लाख टन का आयात हुआ था।
भारत में पीली मटर का सर्वाधिक आयात कनाडा एवं रूस से किया गया। इसके अलावा तुर्की, यूक्रेन, लाटविया, लिथुआनिया तथा स्पेन जैसे देशों से भी थोड़ी-बहुत मात्रा में पीली मटर का आयात हुआ।
वर्तमान समय में मई-जून डिलीवरी के लिए भारत को निर्यात हेतु कनाडा में पीली मटर का ऑफर मूल्य 440 डॉलर प्रति टन चल रहा है जिसमें शिपमेंट चार्ज भी शामिल है।
दूसरी ओर रूसी पीली मटर का निर्यात ऑफर मूल्य मई डिलीवरी के लिए 400 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है। भारतीय बंदरगाहों पर इसका आयात खर्च 3400/3550 रुपए प्रति क्विंटल बैठ रहा है।
पीली मटर एवं देसी चना के आयात में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई जबकि तुवर और उड़द का आयात भी तेजी से बढ़ा मगर मसूर के आयात की गति कुछ धीमी रही।
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत में आयातित दलहनों का कुल खर्च उछलकर 5.47 अरब डॉलर के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया जो 2023-24 के आयात खर्च 3.74 अरब डॉलर से 46 प्रतिशत अधिक रहा। दलहनों के आयात की मात्रा भी इस अवधि में 44.03 लाख टन से 52 प्रतिशत बढ़कर 67.05 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंची।
केन्द्र सरकार ने अब देसी चना एवं मसूर पर 11-11 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा दिया है जबकि तुवर एवं उड़द के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दी है।
पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अवधि 31 मई 2025 को समाप्त होने वाली है और उद्योग व्यापार क्षेत्र इस पर 1 जून 2025 से कम से कम 50 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाने का सरकार से आग्रह कर रहा है ताकि इसका आयात मूल्य चना के एमएसपी के समकक्ष पहुंच सके।