सात राज्यों में पानी के भंडार में सुधार लेकिन जल स्तर 10 वर्षीय औसत से नीचे

01-Dec-2023 05:28 PM

नई दिल्ली । दक्षिण भारत सहित देश के अन्य कई राज्यों में नवम्बर माह के दौरान हुई अच्छी वर्षा से बांधों-जलाशयों में पानी का भंडार कुछ बढ़ गया है लेकिन अभी इसमें और सुधार की आवश्यकता है।

केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार चालू सप्ताह के दौरान भी देश के 150 प्रमुख जलाशयों में पानी भंडार का स्तर गिरा है मगर सात राज्यों में इसके जल स्तर में कुछ सुधार आया है। देश के दक्षिणी प्रायदीप में भारी वर्षा होने से बांधों में पानी का स्तर बढ़ने की सूचना मिल रही है।  
आयोग की साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार इन 150 बांधों- जलाशयों में से 40 में पानी का भंडार कुल संचित भंडारण क्षमता के 50 प्रतिशत से कम है जबकि 16 में 50 प्रतिशत है। 30 नवम्बर को इन बांधों-जलाशयों में कुल 116.571 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी का भंडार था जो कुल भंडार क्षमता 178.784 बीसीएम का 65 प्रतिशत है। यह भंडार पिछले के साथ-साथ 10 वर्षीय औसत भंडार से भी कम है। 

जलाशयों में पानी का कम भंडार अब भी गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है मगर उत्तर-पूर्व मानसून की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए आगे बारिश का दौर जारी रहने की उम्मीद है जिससे जलाशयों- सरोवरों में पानी का स्तर कुछ ऊंचा उठ सकता है। तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश में जोरदार बारिश हो रही है। चालू सप्ताह के अंत तक बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक तूफान का निर्माण होने की उम्मीद है।

इसके अलावा पश्चिमोत्तर भारत के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है जिससे आगामी समय में अच्छी बारिश होने के आसार हैं। इससे जलाशयों में पानी का भंडार बढ़ सकता है।

चूंकि अगले साल की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च 2024) के दौरान अल नीनो मौसम चक्र की भयंकरता तीव्र रहने की आशंका व्यक्त की जा रही है जिससे वर्षा कम होने एवं तापमान ऊंचा रहने की संभावना है इसलिए रबी फसलों की सिंचाई के लिए बांधों जलाशयों में पानी का पर्याप्त भंडार मौजूद होना आवश्यक है।  

जिन सात राज्यों में बांधों-जलाशयों में पानी का भंडार बढ़ा है उसमें तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, उत्तराखंड, आसाम, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश शामिल है। लेकिन आंध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश ऐसे राज्यों में शामिल है जहां बांधों- जलाशयों में पानी का भंडार अब भी सामान्य स्तर से काफी नीचे है।