सौंफ के भाव न्यूनतम स्तर : अब मंदे की संभावना नहीं

23-May-2025 07:00 PM

नई दिल्ली। चालू सीजन के दौरान हालांकि सौंफ की पैदावार गत वर्ष की तुलना में कम रही लेकिन गत वर्ष रिकॉर्ड उत्पादन के चलते उत्पादक केन्द्रों  पर पर्याप्त स्टॉक होने के कारण सौंफ के दामों में गिरावट बनी हुई है। वर्तमान में सौंफ के भाव न्यूनतम स्तर पर बोले जाने लगे हैं। वर्तमान भावों में मन्दा संभव नहीं है। सौंफ का मुख्यत: उत्पादन गुजरात एवं राजस्थान में होता है।

उत्पादन 

चालू सीजन के दौरान उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई घटने एवं फसल की कटाई के साथ अधिक तापमान के चलते प्रति हेक्टेयर उत्पादकता प्रभावित होने के कारण इस वर्ष देश में सौंफ की पैदावार 18/20 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं जबकि गत वर्ष उत्पादन लगभग 38/40 लाख बोरी का रहा था। वर्ष 2023 में उत्पादन 20/22 लाख बोरी का रहा था। 

आवक 

अधिकांश माल मंडियों में आ जाने के कारण दैनिक आवक घटने लगी है। उल्लेखनीय है कि गुजरात की प्रमुख मंडी उंझा में वर्तमान में दैनिक आवक घटकर 6/7 हजार बोरी की रह गई है जबकि अप्रैल माह के दौरान आवक 25/30 हजार बोरी की चल रही थी। राजस्थान की नागौर, मेडता मंडी में भी आवक सीमित ही चल रही थी। 

भाव 

वर्तमान में एवरेज क्वालिटी सौंफ के भाव 80/120 रुपए प्रति किलो के चल रहे हैं। जबकि हल्के मालों के भाव राजस्थान की मंडियों में 70/105 रुपए बोले जा रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्तमान भावों में अब मंदे की संभावना नहीं है। क्योंकि मंडियों में आवक घटने लगी है। इसके अलावा आगामी दिनों में निर्यातकों के साथ-साथ लोकल मांग में भी सुधार होने की संभावना है।

निर्यात भाव 

सीमाओं पर तनाव के चलते विगत कुछ समय से निर्यात व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। जिस कारण से निर्यातकों की लिवाली सीमित बनी हुई है। कमजोर निर्यात मांग के चलते सौंफ का निर्यात भाव वर्तमान में घटकर 90/91 रुपए पर आ गया है जबकि अप्रैल माह में निर्यात का भाव 113/114 रुपए प्रति किलो चल रहा था।   

निर्यात 

गत सीजन में सौंफ के भाव मंदे रहने के कारण सौंफ के निर्यात में शानदार 98 प्रतिशत की वृद्धि की गई। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के प्रथम ग्यारह माह अप्रैल-फरवरी के दौरान सौंफ का निर्यात 74586.30 टन का निर्यात किया गया और निर्यात से प्राप्त आय 73705 लाख रुपए की रही। जबकि अप्रैल-फरवरी (2023-24) के दौरान सौंफ का निर्यात 37681.92 टन का रहा था और निर्यात से प्राप्त आय 63528 लाख रुपए की रही थी। आय में केवल 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।