नई टैरिफ से अमरीका में भारतीय चावल महंगा होने की संभावना

01-Aug-2025 08:29 PM

हैदराबाद। अमरीका द्वारा 7 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाने का निर्णय लिए जाने से वहां भारतीय चावल का आयात महंगा हो जाएगा जिससे वहां रहने वाले भारत तथा  एशिया के लोगों की कठिनाई बढ़ जाएगी।

इन अप्रवासी लोगों में भारतीय चावल की कुछ किस्में अत्यन्त लोकप्रिय हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान अमरीका में स्थित भारतीय स्टोर्स में कई आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है।

कोस्टको के स्टोर्स में सोना मसूरी चावल के 20 पौंड की थैली का दाम 20 डॉलर हो गया है जबकि नई टैरिफ लागू होने के बाद इसमें और वृद्धि हो जाएगी। न्यू जर्सी के एक एनआरआई का कहना है कि शुल्क भुगतान से बचने के लिए भारतीय खाद्य उत्पाद अब पाकिस्तान या बांग्ला देश के लेबल के साथ अमरीका पहुंच रहा है।  

अमरीका के कुछ स्टोर्स पर पहले पाकिस्तान में निर्मित उत्पादों को भारतीय उत्पाद के नाम से बेचा जा रहा था क्योंकि इसकी क्वालिटी अच्छी मानी जाती है लेकिन अब स्थिति बदल सकती है। अमरीका में पाकिस्तानी उत्पादों पर 19 प्रतिशत का ही आयात शुल्क लगाया गया है। 

मिलर्स एवं निर्यातकों का कहना है कि यह 25 प्रतिशत आयात शुल्क वस्तुतः अमरीका का एक अल्पकालीन उपाय है। यदि भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता के लिए बातचीत सफल रहती  तो भारतीय उत्पादों पर टैरिफ को हटाया या घटाया जा सकता है।

लेकिन जब तक वह शुल्क लागू रहेगा तब तक अमरीका में भारतीय चावल के निर्यात पर कुछ असर पड़ सकता है और खासकर छोटे-छोटे खरीदार आयात सौदे को स्थगित रख सकते हैं।

वैसे अमरीका भारतीय चावल निर्यातकों को प्रथमिकता सूची में नहीं है। भारत का ध्यान मुख्यतः पश्चिम एशिया अफ्रीका तथा यूरोप पर केन्द्रित रहता है।