नई फसल के आने तक हल्दी का भाव रह सकता है मजबूत

21-Nov-2024 08:37 PM

वारंगल । घरेलू एवं निर्यात मांग में सुधार का संकेत मिलने तथा उत्पादक क्षेत्रों में आपूर्ति घटने से हल्दी की कीमतों में नरमी का माहौल समाप्त होने लगा है और आगामी कुछ सप्ताहों तक इसमें तेजी-मजबूती का वातावरण बना रह सकता है। इरोड एवं वारंगल में माल की आवक कम हो रही है जबकि वायदा एक्सचेंज में हुए सौदे के तहत डिलीवरी होना अभी बाकी है।

समझा जाता है कि इस डिलीवरी के लायक हल्दी का स्टॉक प्राप्त करने के लिए आपूर्ति कर्ताओं को कठिन संघर्ष करना पड़ सकता है। व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक आगामी समय में हल्दी के दाम में अच्छी तेजी आ सकती है लेकिन बाजार की अस्थिरता या चंचलता से सचेत रहना भी आवश्यक है।

हल्दी के नए माल की आवक फरवरी-मार्च में जोर पकड़ती है जो अभी तीन चार महीने दूर है। स्टॉकिस्टों के हाथ में माल का स्टॉक है जबकि छोटे-छोटे उत्पादकों का माल पहले ही बिक चुका है। हालांकि पहले खबर आई थी कि हल्दी की बिजाई में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन अब जो तथ्य सामने आया है उससे पता चलता है कि बिजाई क्षेत्र लगभग सामान्य है या इसमें मामूली इजाफा हुआ है।

मौसम लगभग सामान्य हो गया है लेकिन पहले ही फसल को बाढ़-वर्षा से कुछ क्षति हो गई थी। इसके फलस्वरूप हल्दी के उत्पादन में इस बार ज्यादा बढ़ोत्तरी होना मुश्किल है जबकि पुराना स्टॉक भी सीमित बताया जा रहा है। सांगली तथा निजामाबाद क्षेत्र में हल्दी का क्षेत्रफल औसत स्तर का रहा है जबकि पुराना स्टॉक भी कम है। 

व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक घरेलू खपत एवं निर्यात मांग को पूरा करते हुए चालू मार्केटिंग सीजन के अंत में हल्दी का स्टॉक बहुत कम रह जाएगा

और इसलिए यदि इसके दाम में 1000-2000 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हो जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। घरेलू प्रभाग में लग्नसरा का सीजन जारी है जबकि आगे रमजान की मांग निकलने वाली है।