मजबूत मांग एवं सीमित आवक से गेहूं में रूक-रूक कर आ सकती है तेजी

21-Nov-2024 08:42 PM

नई दिल्ली । फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स को अपनी जरूरत के मुताबिक गेहूं का स्टॉक प्राप्त करने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है। हालांकि गेहूं पर भंडारण सीमा लागू है मगर फिर भी मंडियों में इसकी सीमित आवक हो रही है।

समझा जाता है कि बड़ी-बड़ी कंपनियों एवं बड़े-बड़े उत्पादकों के पास गेहूं का अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है लेकिन वे मंडियों में सीमित मात्रा में इसे उतार रहे हैं।

सरकार अपने स्टॉक से मार्केट में गेहूं उतारने के लिए तैयार  नहीं है और इसलिए माल की उपलब्धता बढ़ नहीं रही है। जानकारों का कहना है कि अगले दो-तीन माह तक गेहूं की कीमतों में रुक-रुक कर तेजी आ सकती है। 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 3170/3180 रुपए प्रति क्विंटल पर पहले ही पहुंच चुका है जबकि इंदौर, राजकोट, कोटा तथा शाहजहांपुर में भी यह ऊंचे स्तर पर चल रहा है। 2023-24 सीजन के लिए गेहूं का न्यूतनम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ था

जबकि तमाम मंडियों में भाव इससे ऊपर है। 2024-25 के मार्केटिंग सीजन हेतु गेहूं का समर्थन मूल्य 150 रुपए बढ़ाकर 2425 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है ताकि किसानों को इसका बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का प्रोत्साहन मिल सके। प्रमुख उत्पादक राज्यों- पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात में गेहूं की जोरदार बिजाई अभी जारी है।

पंजाब में गेहूं की बिजाई का आदर्श समय 20 मई को समाप्त हो चुका है लेकिन फिर भी इसकी बोआई समाप्त नहीं हुई है।  

यदि केन्द्रीय पूल से खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत मिलर्स-प्रोसेसर्स को अच्छी मात्रा में गेहूं का स्टॉक उपलब्ध नहीं करवाया जाता है तो इसके दाम में ज्यादा नरमी आने की संभावना क्षीण पड़ जाएगी।

गेहूं का नया माल अगले साल मार्च-अप्रैल में आने शुरू होगा और तब तक मिलर्स को खुली मंडियों से ऊंचे दाम पर इसकी खरीद करने के लिए विवश होना पड़ेगा। गेहूं का रकबा इस बार बढ़ने के आसार हैं।