मानसून की बेहतर प्रगति के बावजूद अनेक क्षेत्रों में बारिश का अभाव

24-Jun-2025 12:22 PM

नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून को भारत की मुख्य भूमि में प्रवेश किए हुए आज एक महीना हो गया है और राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य औसत की तुलना में कुल वर्षा की कमी भी घटकर महज 1 प्रतिशत रह गई है लेकिन अब भी खास-खास क्षेत्रों में यह कमी बहुत अधिक देखी जा रही है।

इसके तहत दीर्घकालीन औसत के मुकाबले विदर्भ में 57 प्रतिशत, तेलंगाना में 44 प्रतिशत एवं छत्तीसगढ़ में भी 44 प्रतिशत, मराठवाड़ा एवं अरुणाचल प्रदेश में 43-43 प्रतिशत तथा तटीय आंध्र प्रदेश एवं यानम में 36 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।

इसके अलावा आसाम एवं मेघालय में 35 प्रतिशत, लक्ष्यद्वीप में 31 प्रतिशत, उत्तराखंड में 23 प्रतिशत एवं बिहार में 26 प्रतिशत वर्षा की कमी दर्ज की गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा यह 1 से 22 जून तक की वर्षा का आंकड़ा है। 

मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश में 23-24 जून को अत्यन्त मूसलाधार वर्षा होने से न केवल खेतों में पानी भर गया है बल्कि मध्यवर्ती भारत में बारिश की कमी का अंतर भी बहुत घट गया है।

अगले पांच दिनों तक मध्य प्रदेश में विभिन्न भागों में वर्षा का सिलसिला जारी रहने की संभावना है इसके अलावा बिहार, झारखंड, उड़ीसा तथा छत्तीसगढ़ में चार दिनों तक अच्छी बरसात होगी।

विदर्भ में भी इसके संयोग बन रहे हैं। इस बीच मौसम विभाग के अनुमान के अनुरूप मानसून अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तथा एनसीआर के साथ-साथ आसपास के राज्यों में पहुंच गया है जबकि उत्तर प्रदेश में पहले ही पहुंच गया था।

इससे जून में राष्ट्रीय स्तर पर कुछ वर्षा सामान्य औसत से ऊपर पहुंच जाने की उम्मीद है। समूचे देश में खरीफ फसलों की बिजाई अब जोर पकड़ने लगी है।

22-23 जून को मध्य प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश, पूर्वी गुजरात, सौराष्ट्र, कच्छ, गोवा तथा कोंकण में भारी वर्षा हुई। मानसून का उत्तरी सिरा अब भी जयपुर तक फैला हुआ है।