खरीफ 2025 के लिए करीब 1689 लाख टन खाद्यान्न के रिकॉर्ड उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित

09-May-2025 11:01 AM

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने 2025-26 के खरीफ सीजन हेतु खाद्यान्न के उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाकर 1688.80 लाख टन निर्धारित कर दिया है जो 2024-25 के सकल उत्पादन से 1.5 प्रतिशत ज्यादा और एक नया रिकॉर्ड स्तर है।

इस लक्ष्य को हासिल करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि 29 मई 2025 से एक पखवाड़े के लिए 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' चलाया जाएगा जिसका उद्देश्य देश के लगभग दो करोड़ किसानों को कृषि अनुसंधान के साथ सम्पर्क बढ़ाने में सहायता प्रदान करना है। इससे कृषि फसलों की उत्पादकता एवं पैदावार बढ़ाने में मदद मिलेगी। 

कृषि मंत्री के अनुसार आगामी खरीफ सीजन के दौरान उर्वरक मंत्रालय द्वारा समूचे देश में रासायनिक खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है ताकि किसानों को यह उचित मूल्य पर सरलता से प्राप्त हो सके।

उन्होंने उर्वरक सचिव को नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का खेतों में प्रदर्शन करके किसानों को इसका अधिक से अधिक उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया ताकि परम्परागत उर्वरकों की खपत घटाई जा सके। 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2024-25 के खरीफ सीजन के दौरान देश में 1663.90 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ जबकि 2025-26 सीजन के लिए निर्धारित उत्पादन का लक्ष्य 1688.80 टन उससे 1.5 प्रतिशत या करीब 25 लाख टन अधिक है।

खरीफ सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न-चावल के उत्पादन लक्ष्य 1207.50 लाख टन नियत किया गया है जो पिछले साल के उत्पादन 1206.80 लाख टन से कुछ ज्यादा है।

पिछले साल 1115 लाख टन चावल के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था मगर वास्तविक उत्पादन इससे काफी अधिक हुआ। इसका कारण क्षेत्रफल में इजाफा होना था।

जहां तक दलहनों का सवाल है तो अस्थायी तौर पर इसके उत्पादन का लक्ष्य 77.40 लाख टन निर्धारित किया गया है और पल्सेस मिशन प्रोग्राम पर राज्यों से फीड बैक मिलने के बाद इसे संशोधित किया जाएगा।

फिलहाल केन्द्र सरकार ने 2025-26 के खरीफ सीजन में 37 लाख टन तुवर, 15.10 लाख टन उड़द एवं 16.20 लाख टन मूंग के उत्पादन का लक्ष्य नियत किया है। इन सभी दलहनों का लक्ष्य पिछले साल के उत्पादन से ज्यादा है। सरकार का इरादा दलहनों के उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाना है। 

अगले महीने से खरीफ कालीन फसलों की बिजाई का अभियान आरंभ हो जाएगा। इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून के सीजन में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है जिससे किसानों को खरीफ फसलों की खेती में कठिनाई नहीं होगी। मोटे अनाजों में मक्का का उत्पादन बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जाएगा।