केन्द्र सरकार से एथनॉल का दाम बढ़ाने का आग्रह
29-Apr-2025 03:39 PM

मेरठ। गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में वार्षिक आधार पर होने वाली वृद्धि के अनुरूप एथनॉल का दाम नहीं बढ़ाए जाने से चीनी उद्योग नाखुश है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस तरह के एक फार्मूले को मंजूरी दी थी जिसमें एथनॉल की कीमतों को गन्ना के एफआरपी के अनुरूप संशोधित करने का प्रावधान था लेकिन सरकार इस फार्मूले को लागू नहीं कर रही है।
वर्ष 2014-15 से ही गन्ना जूस एवं बी-हैवी शीरा से निर्मित एथनॉल के दाम को एफआरपी के अनुरूप रखा जा रहा था। वर्ष 2022-23 में दोबारा स्वीकृति दी थी।
इस नियम (मॉडल) के तहत तेल विपणन कंपनियों से उम्म्मीद की गई थी कि वह पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एथनॉल के मूल्य में होने वाले बदलाव को ईंधन के खुदरा मूल्य में प्रदर्शित करेगी।
लेकिन वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में इस फार्मूला को सरकार ने नजर अंदाज कर दिया। इस अवधि में गन्ना का एफआरपी 305 रुपए से 11.5 प्रतिशत बढ़ाकर 340 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किए जाने के बावजूद एथनॉल के दाम में कोई वृद्धि नहीं की गई। 2025-26 के मार्केटिंग सीजन में गन्ना का एफआरपी बढ़ाकर 355 रुपए प्रति क्विंटल नियत किए जाने की संभावना है
लेकिन एथनॉल निर्माता आगामी कीमत को लेकर दुविधाग्रस्त हैं। शीर्ष उद्योग संस्था- इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक का कहना है
कि फार्मूले की निरंतरता भंग होने से एथनॉल निर्माता हतोत्साहित हो रहे हैं। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2030 तक पेट्रोल में एथनॉल का मिश्रण बढ़ाकर 30 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन फिर भी एथनॉल की कीमतों में स्थिरता रहने से उद्योग का विश्वास डगमगाने लगा है।
वर्ष 2023-24 से ही गन्ना जूस से निर्मित एथनॉल का दाम 65.60 रुपए प्रति लीटर तथा बी-हैवी शीरा से उत्पादित एथनॉल का मूल्य 60.70 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर बना हुआ है। एथनॉल आपूर्ति का मार्केटिंग सीजन नवम्बर 2024 में आरंभ हुआ जो अक्टूबर 2025 तक जारी रहेगा।