कांडला बंदरगाह पर आयातित खाद्य तेलों की खेप को क्लीयरेंस मिलने में देरी
20-Jun-2025 05:40 PM

मुम्बई। गुजरात में अवस्थित कांडला पोर्ट देश के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक है। वहां विदेशों से विशाल मात्रा में खाद्य तेलों का आयात हो रहा है और जहाजों का जमघट लगने लगा है। बंदरगाहों से खाद्य तेलों की खेप को क्लीयरेंस हासिल करने में कठिनाई हो रही है और इसमें समय भी ज्यादा लग रहा है।
उल्लेखनीय है कि कांडला पोर्ट के आसपास के इलाकों में खाद्य तेल की अनेक बड़ी-बड़ी रिफाइनिंग इकाइयां अवस्थित हैं जो विदेशों से भारी मात्रा में क्रूड खाद्य तेल मंगाती हैं और फिर उसकी प्रोसेसिंग करके देश के पश्चिमी एवं उत्तरी राज्यों में रिफाइंड खाद्य तेल की आपूर्ति करती हैं।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) की सूचना के अनुसार 16 जून 2025 को कांडला पोर्ट पर केवल 2 जहाजों से आयातित खाद्य तेल उतारने की प्रक्रिया जारी थी जबकि उस पर 45 हजार टन खाद्य तेल का स्टॉक लदा हुआ था। इसके साथ-साथ उन आठ जहाजों बंदरगाहों पर बर्थ के लिए इंतजार करना पड़ रहा है जिस पर 1.57 लाख टन खाद्य तेल का स्टॉक मौजूद है।
इतना ही नहीं बल्कि अगले एक सप्ताह के अंदर 1.59 लाख टन खाद्य तेल से लदे पांच अन्य जहाजों के भी वहां पहुंचने की संभावना है और उसे माल खाली करने के लिए 9-10 दिनों का इतंजार करना पड़ सकता है। इससे देश के घरेलू प्रभाव में खाद्य तेल की आपूर्ति एवं उपलब्धता प्रभावित हो सकती है जबकि पहले से ही आयातित खाद्य तेलों का स्टॉक काफी कम है।
नियमित रूप से आने वाले जहाजों की लम्बी संभावित कतार को देखते हुए लगता है कि क्लीयरेंस के लिए इंतजार की समय सीमा बढ़कर 15-20 दिनों तक पहुंच सकती है।
इससे घरेलू बाजार में आपूर्ति श्रृंखला पर गहरा प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। इतना ही नहीं बल्कि जहाजों को जितनी लम्बी प्रतीक्षा करनी पड़ेगी आयातकों के लिए खर्च उतना ही बढ़ता जाएगा क्योंकि उसे भारी डैमरेज व्यय का भुगतान करना पड़ेगा। इससे आयात खर्च में बढ़ोत्तरी होगी और रिफाइनर्स को सीमा शुल्क में हुई कटौती का समुचित फायदा नहीं मिल पाएगा।
ऐसी हालत में आम उपभोक्ताओं के लिए खाद्य तेलों का दाम घटाना रिफाइनर्स के लिए काफी मुश्किल हो सकता है। एसोसिएशन ने तत्काल यह मुद्दा गुजरात के खाद्य मंत्रालय के समक्ष उठाया और कांडला पोर्ट ट्रष्ट से भी जहाजों को जल्दी-जल्दी क्लीयरेंस देने का आग्रह किया।