ईरान-इजरायल युद्ध के कारण बासमती चावल का निर्यात प्रभावित होने की आशंका
20-Jun-2025 08:16 PM

नई दिल्ली। पिछले सात-आठ दिनों से ईरान और इजरायल के बीच घमासान युद्ध हो रहा है और इससे न केवल दोनों देशों में भारी तबाही हो रही है बल्कि दुनिया के अन्य अनेक देशों पर भी इसका गहरा प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
इसमें भारत भी शामिल है। भारत से ईरान को चाय, मसाला, चीनी एवं सोयामील के साथ-साथ बासमती चावल का निर्यात भी बड़े पैमाने पर किया जाता है लेकिन युद्ध के कारण इसके शिपमेंट में ठहराव आ गया है। इससे बासमती चावल की कीमत 10 प्रतिशत से ज्यादा घट चुकी है जबकि आगे इसमें और भी गिरावट आने की आशंका है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत से बासमती चावल का निर्यात लगातार बढ़ता जा रहा है और इसमें ईरान की अच्छी भागीदारी बनी हुई है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत से करीब 39.44 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था जो 2022-23 में सुधरकर 45.61 लाख टन तथा 2023-24 में बढ़कर 52.42 लाख टन पर पहुंचा।
वित्त वर्ष 2024-25 में निर्यात और भी उछलकर 60.55 लाख टन से ऊपर के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। यह पहला अवसर था जब भारतीय निर्यातकों ने बासमती चावल के निर्यात को 60 लाख टन से ऊपर पहुंचा दिया।
जहां तक ईरान का सवाल है तो उसने भारत से 2021-22 में 9.98 लाख टन तथा 2022-23 में 9.99 लाख टन बासमती चावल मंगाया था मगर 2023-24 में वहां आयात घटकर 6.71 लाख टन पर अटक गया।
2024-25 में आयात पुनः बढ़कर 8.55 लाख टन पर पहुंच गया और इस तरह वह भारतीय बासमती चावल का तीसरा सबसे प्रमुख आयातक देश बना रहा।
इससे पूर्व ईरान ने भारत से वित्त वर्ष 2020-21 में 7.48 लाख टन, 2019-20 में 13.19 लाख टन एवं 2018-19 में 14.84 लाख टन बासमती चावल का विशाल आयात किया था और वह इसका सबसे प्रमुख आयातक देश बन गया था।