कांडला बंदरगाह ने जहाजों से खाद्य तेल की खेप की क्लीयरेंस बढ़ाने का वादा किया
24-Jun-2025 04:51 PM

नई दिल्ली। एक अग्रणी उद्योग संस्था- इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईवीपीए) का कहना है कि गुजरात के कांडला पोर्ट के अधिकारियों ने वादा किया है कि बंदरगाह पर जगह की संकीर्णता और जहाजों को ठहरने में हो रही कठिनाई को शीघ्र ही दूर किया जाएगा और साथ ही साथ तेलों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कांडला पोर्ट के चेयरमैन ने खाद्य तेल उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ एक मीटिंग में इसकी गारंटी दी कि जहाजों को प्राथमिकता के आधार पर क्लीयरेंस दिया जाएगा ताकि विदेशों से पाम तेल सहित अन्य खाद्य तेलों के आयात को प्रभावित करने वाली बाधाओं को जल्दी से जल्दी दूर किया जा सके।
एसोसिएशन के मुताबिक पोर्ट चेयरमैन ने बंदरगाह पर बुनियादी ढांचा में सुधार के उपायों की सूची तैयार की जिसमें 14 इंच की नई पाइप लाइन का निर्यात भी शामिल है।
इसके अलावा मौजूदा यार्ड के साथ-साथ दो अन्य डॉक पर भी खाद्य तेलों के आयात का संचालन शुरू करने का प्लान बनाया गया है। अब खाद्य तेलों से लदे जहाजों को दोबारा बर्थ हासिल करने के लिए बाहरी एंकरेज (लंगर स्थान) का दोबारा आवंटन नहीं किया जाएगा क्योंकि इससे आयातकों का खर्च बढ़ जाता है।
इसके बजाए बंदरगाह अधिकारियों ने जहाजों के डिस्चार्ज में देरी के लिए पेनाल्टी चार्ज लगाने के मौजूद नियम को ही बरकरार रखने का फैसला किया है।
चेयरमैन ने जहाजों के एजेंटों को जहाजों के बंदरगाह पर पहुंचने से पूर्व अथवा दैनिक आधार पर बर्थ प्राप्त करने के लिए होने वाली दिक्कतों से अधिकारियों को अवगत करवाने के लिए कहा और आयातकों तथा बंदरगाह अधिकारियों के बीच सहयोग-समन्वय बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया ताकि जहाज जब डॉक पर पहुंच जाए तब उसे बर्थ मिलने या डिस्चार्ज करने में कम से कम समय लगे।
उल्लेखनीय है कि कांडला बंदरगाह भारत में खाद्य तेलों और खासकर पाम तेल के आयात का एक महत्वपूर्ण पोर्ट है और वहां नियमित रूप से जहाज आते रहते हैं।