बेहतर घरेलू एवं निर्यात मांग के सहारे जीरा का भाव मजबूत रहने के आसार
19-Apr-2025 12:25 PM

मुम्बई। गुजरात की मंडियों में इस बार नए जीरे की आवक कुछ देर से शुरू हुई जबकि देशी-विदेशी खरीदार पहले से ही इसकी लिवाली के लिए तैयार बैठे थे।
दूसरे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में नए जीरे की आपूर्ति तो हो रही है मगर इसकी रफ्तार अभी तक जोर नहीं पकड़ पाई है।
उल्लेखनीय है कि मार्च क्लोजिंग से पूर्व गुजरात की बेंचमार्क ऊंझा मंडी में जीरा की आवक तेजी से बढ़ते हुए एक समय 70-72 हजार बोरी के शीर्ष स्तर पर पहुंच गई थी जिसे देखते हुए लग रहा था कि इस बार भी जीरा का शानदार उत्पादन होगा और कीमतों पर दबाव बना रहेगा।
लेकिन अप्रैल में वहां इसकी औसत दैनिक आवक घटकर 35-40 हजार बोरी के बीच रह गई जो नई फसल की पीक आपूर्ति सीजन को देखते हुए सामान्य प्रतीत होती है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2022-23 के सीजन में घरेलू उत्पादन कम होने से जीरा का भाव उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था जिससे 2023-24 के सीजन में किसानों को इसका बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन बढ़ाने का प्रोत्साहन मिला।
इसके फलस्वरूप इस अवधि में जीरा का घरेलू उत्पादन 5.77 लाख टन से उछलकर 8.60 लाख टन पर पहुंच गया। यह सरकारी आंकड़ा है जबकि व्यापारिक अनुमान इससे काफी कम है। उत्पादन में वृद्धि होने से जीरा का भाव नरम पड़ गया और इसलिए 2024-25 के सीजन में इसकी बिजाई घट गई।
वैसे इस बार मौसम की हालत जीरा की फसल के लिए काफी हद तक अनुकूल बनी रही। बिजाई क्षेत्र में कमी आने से पिछले साल के रिकॉर्ड स्तर की तुलना में इस बार जीरा का उत्पादन घटना तो निश्चित है लेकिन फिर भी यह पंचवर्षीय औसत उत्पादन से बेहतर हो सकता है।
इसके अलावा जीरा का भारी-भरकम पिछला बकाया स्टॉक भी मौजूद है। सकारात्मक पक्ष यह है कि जीरे की घरेलू एवं निर्यात मांग मजबूत बनी हुई है।
चीन, बांग्ला देश एवं पाकिस्तान के साथ-साथ खाड़ी क्षेत्र के देशों में भारतीय जीरे की अच्छी मांग बनी हुई है। दिसावरी मंडियों में भी इसका स्टॉक कम बताया जा रहा है।
अप्रैल-जनवरी 2025 के दस महीनों में देश से 1.82 लाख टन जीरा का शानदार निर्यात हुआ जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के शिपमेंट से 67 प्रतिशत अधिक रहा।
जीरा के दाम में इस बार रिकॉर्ड तोड़ इजाफा तो नहीं होगा लेकिन सीमित तेजी-मजबूती का माहौल बरकरार रहेगा।