चावल का विशाल स्टॉक मौजूद रहने से कीमतों में तेजी की उम्मीद कम

05-May-2025 08:02 PM

नई दिल्ली । केन्द्रीय पूल में चावल का भरपूर स्टॉक मौजूद है और घरेलू प्रभाग में भी इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी हुई है।

खुले बाजार बिक्री योजना के तहत सरकारी स्टॉक से चावल बेचा जा रहा है जबकि सरकारी एजेंसियों की खुदरा आउटलेट के जरिए भी इसकी बिक्री हो रही है।

राज्य सरकारों को केन्द्रीय पूल या भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से चावल खरीदने की छूट दी जा चुकी है और एथनॉल निर्माताओं को रियायती मूल्य पर चावल उपलब्ध करवाया जा रहा है। 

खरीफ कालीन धान की सरकारी खरीद लगभग बंद होने के बाद रबी कालीन धान की खरीद आरंभ हो गई है। अक्टूबर 2024 में अप्रैल 2025 के दौरान सरकार द्वारा कुल 471.94 लाख टन चावल के समतुल्य धान की खरीद की गई।

इसमें 11 लाख टन से कुछ अधिक चावल के समतुल्य धान की सरकारी खरीद वर्तमान रबी मार्केटिंग सीजन में हुई है। पिछले साल की समान अवधि में कुल मिलाकर 471.14 लाख टन चावल के समतुल्य धान खरीदा गया था।

मिलर्स / प्रोसेसर्स तथा व्यापारियों / स्टॉकिस्टों के पास भी चावल का पर्याप्त भंडार मौजूद है और देश से चावल के निर्यात का प्रदर्शन भी संतोषजनक है।

लम्बे समय से घरेलू प्रभाग में चावल का भाव सीमित उतार-चढ़ाव के साथ एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है। निर्यातकों को घरेलू बाजार में उचित दाम पर पर्याप्त मात्रा में चावल उपलब्ध हो रहा है जिससे उन्हें निर्यात ऑफर मूल्य को आकर्षक या प्रतिस्पर्धी स्तर रखने में कोई कठिनाई नहीं हो रही है। 

प्रधानमंत्री गरीब कालीन अन्न योजना के साथ-साथ अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत करीब 400 लाख टन चावल के वार्षिक विवरण की आवश्यकता पड़ती है जबकि 1 अप्रैल को केन्द्रीय पूल में कम से कम 135 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद रहना जरुरी होता है।

सरकार के पास पहले से ही चावल का भारी-भरकम पिछला स्टॉक मौजूद था जबकि 472 लाख टन चावल की खरीद भी हो गई। धान चावल की खरीद की प्रक्रिया अभी जारी है जिससे आगामी समय में स्टॉक और भी बढ़ सकता है।

कुल मिलाकर इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति अत्यन्त सुगम एवं कीमत काफी हद तक स्थिर बनी हुई है। निकट भविष्य में चावल के दाम में कोई अप्रत्याशित उछाल आने की उम्मीद नहीं है।