अर्जेन्टीना में दाम घटने से चाइनीज सोयाबीन तेल की खरीद में भारत की दिलचस्पी घटी

26-Aug-2025 11:44 AM

मुम्बई। हालांकि भारतीय आयातकों द्वारा पिछले महीने चीन से करीब 1.50 लाख टन सोयाबीन तेल की खरीद का अनुबंध किया गया था लेकिन अब वे इससे कतराने लगे हैं क्योंकि परम्परागत आपूर्तिकर्ता देश- अर्जेन्टीना ने अपने सोयाबीन तेल के निर्यात ऑफर में काफी कटौती कर दी है।

एक आयातक का कहना है कि पिछले माह की खरीद के बाद चीन से सोयाबीन तेल के आयात का कोई नया अनुबंध नहीं किया गया है। चीन के निर्यातक भी घटे दाम पर अपना माल बेचने के इच्छुक नहीं है। 

अर्जेन्टीना परम्परागत रूप से भारत को सोयाबीन तेल का सबसे प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश है। वस्तुतः भारत में करीब 65 प्रतिशत सोया तेल का आयात अकेले अर्जेन्टीना से किया जाता है।

जब उसे सूचना मिली कि भारत के आयातक चीन से सोयाबीन तेल की खरीद कर रहे हैं तब उसने अपने ऑफर मूल्य को घटा दिया। दूसरी ओर भारतीय खरीद को देखते हुए चीन ने ऑफर मूल्य बढ़ा दिया है। वैसे 10-15 डॉलर प्रति टन के उतार-चढ़ाव से वैश्विक कारोबार ज्यादा प्रभावित नहीं होता है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्तमान समय में मुम्बई बंदरगाह पर आयातित क्रूड डिगम्ड सोयाबीन तेल की पहुंच का खर्च 1205 डॉलर प्रति टन बैठ रहा है। एक सप्ताह पूर्व की तुलना में इसका भाव करीब 2 प्रतिशत तथा पिछले साल की सामान अवधि की तुलना में लगभग 18.5 प्रतिशत ऊंचा हुआ है।

आयातकों ने चीन से अनुबंध उस समय किया था जब भाव इसी स्तर पर चल रहा था जबकि दूसरी ओर आरबीडी पामोलीन के आयात का खर्च 1105 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है। समझा जाता है कि भारतीय तेल उद्योग की जो प्रमुख कंपनियों द्वारा सितम्बर एवं अक्टूबर डिलीवरी के लिए चीन की दो निर्यातक फर्मों से सोयाबीन तेल के आयात का अनुबंध किया गया था। 

उधर नेपाल नियमित रूप से भारत को रिफाइंड सोयाबीन तेल का निर्यात कर रहा है और थोड़ी-बहुत मात्रा में रिफाइंड सूरजमुखी तथा सरसों-रेपसीड तेल भी भेज रहा है।

मालूम हो कि साउथ एशिया फ्री ट्रेड एरिया (साफ्टा) संधि के तहत भारत में  नेपाल को खाद्य तेलों के शुल्क मुक्त निर्यात की अनुमति प्राप्त है। एसोसिएशन (सी) के अनुसार भारतीय आयातक काफी चालाक और होशियार हैं। वे वियतनाम से भी तेल मंगाने का प्रयास कर रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात से रेपसीड तेल का आयात अनुबंध किया गया है।