अरंडी के घरेलू उत्पादन में भारी गिरावट आने का अनुमान
30-Apr-2025 03:09 PM

मुम्बई। स्वदेशी वनस्पति तेल उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र के एक अग्रणी संगठन- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) ने अरंडी का घरेलू उत्पादन 2023-24 सीजन के 19.76 लाख टन से घटकर 2024-25 के सीजन में 15.60 लाख टन पर अटक जाने का अनुमान लगाया है।
'सी' के अनुसार एक तो अरंडी के बिजाई क्षेत्र में एक लाख हेक्टेयर से अधिक की गिरावट आ गई और दूसरे, प्रतिकूल मौसम एवं प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल की औसत उपज दर भी घट गई।
एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक के अनुसार फरवरी से ही तापमान में वृद्धि होने के कारण अरंडी की उपज दर प्रभावित होने लगी थी।
जिस क्षेत्र में बिजाई लेट से या दोबारा हुई थी वहां फसल पर ज्यादा असर देखा गया। गुजरात एंव राजस्थान जैसे शीर्ष उत्पादक प्रांतों में सभी प्रमुख उत्पादक जिलों में अरंडी की उत्पादकता कमजोर रही जिससे इसके उत्पादन में भारी गिरावट आ गई।
अरंडी का बिजाई क्षेत्र 2023-24 सीजन के 9.88 लाख हेक्टेयर से 1.20 लाख हेक्टेयर या 12 प्रतिशत घटकर 2024-25 के सीजन में 8.68 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
इसी तरह अरंडी की औसत उपज दर समीक्षाधीन अवधि में 2000 किलो प्रति हेक्टेयर से गिरकर 1796 किलो प्रति हेक्टेयर रह जाने का अनुमान।
अरंडी का बिजाई क्षेत्र गुजरात में 7.24 लाख हेक्टेयर से घटकर 6.46 लाख हेक्टेयर रह गया जबकि इसका उत्पादन 15.74 लाख टन से 22 प्रतिशत गिरकर 12.26 लाख टन पर अटक जाने का अनुमान है।
वहां ऊंचे तापमान के कारण अरंडी की उपज दर भी 2174 किलो प्रति हेक्टेयर से घटकर 1897 किलो प्रति हेक्टेयर पर अटकने की संभावना व्यक्त की गई है।
राजस्थान में भी अरंडी का उत्पादन 2023-24 के 3.13 लाख टन से 13.4 प्रतिशत गिरकर 2024-25 के सीजन में 2.71 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया गया है।
राजस्थान में इस महत्वपूर्ण औद्योगिक तिलहन का रकबा 1.92 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.70 लाख हेक्टेयर पर अटक गया गुजरात की भांति राजस्थान में भी फरवरी-अप्रैल के दौरान तापमान ऊंचा रहा
जिससे अरंडी की उपज दर गत वर्ष के 1630 किलो प्रति हेक्टेयर से गिरकर इस बार 1594 किलो प्रति हेक्टेयर रह गई। आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना सहित अन्य उत्पादक राज्यों में भी अरंडी का उत्पादन घटने की संभावना है।