अरंडी का घरेलू उत्पादन घटकर 15.58 लाख टन पर अटकने का अनुमान
28-Apr-2025 08:18 PM

मुंबई। बिजाई क्षेत्र में कमी आने तथा औसत उपज दर भी नीचे रहने से अरंडी के घरेलू उत्पादन में भारी गिरावट आने की संभावना है। राष्ट्रीय स्तर पर अरंडी का उत्पादन क्षेत्र 2023-24 सीजन के 9.88 लाख हेक्टेयर से घटकर 2024-25 के सीजन में 8.68 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
इसके तहत बिजाई क्षेत्र गुजरात में 7.24 लाख हेक्टेयर से घटकर 6.46 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 1.93 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.70 लाख हेक्टेयर तथा आंध्र / तेलंगाना में 60 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 38 हजार हेक्टेयर रह गया। देश के अन्य राज्यों में इसका रकबा 12 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 14 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया।
बिजाई क्षेत्र एवं औसत उपज दर के आधार पर अरंडी का कुल घरेलू उत्पादन 2023-24 सीजन के 1976 लाख टन से लुढ़ककर 2024-25 के सीजन में 15.58 लाख टन पर अटक जाने का अनुमान लगाया गया है।
इसके अंतर्गत सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- गुजरात में उत्पादन 15.74 लाख टन से लुढ़ककर 12.26 लाख टन, राजस्थान 3.14 लाख टन से घटकर 2.71 लाख टन, आंध्र प्रदेश / तेलंगाना में 80 हजार टन से गिरकर 50 हजार टन तथा अन्य राज्यों में 8 हजार टन से फिसलकर 7 हजार टन पर अटकने की संभावना है।
अरंडी की औसत उपज दर 2023-24 के सीजन में 2000 किलो प्रति हेक्टेयर आंकी गई थी जबकि 2024-25 के सीजन में यह घटकर 1796 किलो प्रति हेक्टेयर रह जाने की संभावना है।
गुजरात में उत्पादकता दर 2174 टन प्रति हेक्टेयर से लुढ़ककर 1897 किलो प्रति हेक्टेयर तथा राजस्थान में 1630 किलो प्रति हेक्टेयर से गिरकर 1594 किलो प्रति हेक्टेयर रह गई जबकि आंध्र प्रदेश / तेलंगाना में यह उपज दर 1334 किलो से बढ़कर 1440 किलो प्रति हेक्टेयर पर पहुंच गई। देश के अन्य राज्यों में अरंडी की उपज दर 636 किलो से फिसलकर 509 किलो प्रति हेक्टेयर रह गई।
दक्षिणी राज्यों में अक्टूबर-नवम्बर से ही अरंडी के नए माल की आवक शुरू हो गई थी और अब किसानों का अधिकांश स्टॉक बिक चुका है। राजस्थान में दिसम्बर-जनवरी तथा गुजरात में जनवरी-फरवरी से इसकी आवक आरम्भ हुई जो अभी जारी है।
उत्पादन में भारी गिरावट आने से अरंडी का भाव मजबूत रहने की उम्मीद है। अरंडी तेल एवं मील का निर्यात प्रदर्शन लगभग सामान्य है।