अमरीकी टैरिफ से कई भारतीय सेक्टर्स का निर्यात प्रभावित होने की आशंका
01-Aug-2025 07:46 PM

मुम्बई। अमरीकी राष्ट्रपति ने 7 अगस्त से भारतीय उत्पादों के आयात पर 25 प्रतिशत की दर से टैरिफ लगाने की घोषणा की है जबकि पहले इसे 1 अगस्त से प्रभावी बनाने का निर्णय लिया गया था।
इस ऊंचे टैरिफ से अमरीका में अनेक भारतीय सेक्टर्स के उत्पादों का निर्यात प्रभावित होने की आशंका है। इसमें कृषि, फार्मास्युटिकल्स वस्त्र, ऑटोमोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स आदि क्षेत्रों के उत्पाद शामिल है।
25 प्रतिशत के सामान्य टैरिफ के साथ-साथ भारत पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है जो रूस से रक्षा उपकरण, हथियार एवं ऊर्जा स्रोतों आदि के आयात पर लागू होगा।
ज्ञात हो कि भारत और अमरीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए पांच दौर की बातचीत हो चुकी है और छठे चरण की वार्ता के लिए अमरीकी प्रतिनिधिमंडल 25 अगस्त को भारत आने वाला है लेकिन अमरीका के राष्ट्रपति तब तक प्रतीक्षा करने के मूड में नहीं है।
यहां यह तथ्य भी ध्यान में रखने लायक है कि फरवरी में जब भारतीय प्रधानमंत्री और अमरीकी राष्ट्रपति की मीटिंग हुई थी तब यह निर्णय लिया गया था कि द्विपक्षीय व्यापार समझौता को सितम्बर- अक्टूबर तक फाइनल कर लिया जाएगा।
समझा जाता है कि अमरीकी राष्ट्रपति भारत से मुख्यतः दो कारणों से नाराज है। एक तो भारत अमरीका के बजाए रूस से रक्षा उपकरण एवं पेट्रोलियम आदि का आयात बढ़ा रहा है और दूसरे, भरत उस ब्रिक्स संगठन का सक्रिय सदस्य है जिसे अमरीका विरोधी लॉबी माना जाता है।
इस संगठन में ब्राजील रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका शामिल है। रूस और चीन अमरीका के कट्टर प्रतिद्वन्दी है जबकि ब्राजील सोयाबीन एवं मक्का के निर्यात बाजार में अमरीका को जबरदस्त चुनौती दे रहा है। ब्रिक्स देश वैश्विक कारोबार में अमरीकी डॉलर के वर्चस्व को समाप्त करना चाहते हैं।
वर्ष 2024 में भारत और अमरीका के बीच 129 अरब डॉलर का कारोबार हुआ और अमरीका भारत का प्रमुख व्यापारिक साझीदार (बाजार) बना रहा।
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत से अमरीका को 24.10 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात किया गया जो 2023-24 की तुलना में 55 प्रतिशत अधिक रहा।
इसके अलावा फार्मा (दवा) क्षेत्र का निर्यात बढ़कर 8.70-10.90 अरब डॉलर हो गया जो भारत के कुल निर्यात का 31-35 प्रतिशत रहा। कपड़ों का निर्यात 10-80 अरब डॉलर दर्ज किया गया।