2024-25 में खली का निर्यात 11% घटा: SEA
18-Apr-2025 12:08 PM

2024-25 में खली का निर्यात 11% घटा: SEA
★ मार्च 2025 में ऑयलमील का निर्यात 4.09 लाख टन रहा, जो मार्च 2024 में 3.95 लाख टन था यानी 3% की वृद्धि देखी गई।
★ पूरे वित्त वर्ष में 11% की गिरावट के बाद कुल निर्यात 43.4 लाख टन रहा, जो पिछले साल 48.9 लाख टन था।
★ एफओबी मूल्य के हिसाब से 21% की गिरावट दर्ज की गई।
★ यूरोपीय संघ में सरसों खली की कमी के कारण अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ी हैं। चीन, जो कनाडा और EU से सरसों खली मंगाता है, अब भारत के लिए एक संभावित बाजार बन सकता है। जहां अंतरराष्ट्रीय बाजार में सरसों खली की कीमत $335 प्रति टन है, वहीं भारतीय खली केवल $209 प्रति टन है। यदि चीन भारत से आयात की शर्तों में ढील देता है तो भारत के लिए यह बड़ा निर्यात अवसर बन सकता है।
★ सरकार ने जुलाई 2023 में DORB के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था क्योंकि घरेलू कीमतें ₹18,000/टन तक पहुंच गई थीं। अब कीमत घटकर ₹8,000/टन से भी नीचे आ गई है।
★ साथ ही DDGS के उपयोग से DORB की मांग भी घटी है, जिससे भारी स्टॉक बन गया है।
★ SEA ने सरकार से प्रतिबंध हटाने की अपील की है ताकि निर्यात फिर से शुरू हो सके और उद्योग को राहत मिले।
★ 2024-25 में सोयाबीन खली का निर्यात 21.27 लाख टन रहा, जो लगभग पिछले साल के बराबर है (21.33 लाख टन)। यूरोपीय देशों द्वारा गैर-GM सोया मील की मांग बनी रही।
★ 2024-25 में सरसों खली का निर्यात 18.75 लाख टन रहा, जो पिछले साल 22.13 लाख टन था। कीमतों में गिरावट और मांग की कमी इसका कारण रही।
प्रमुख आयातक देश:
★ बांग्लादेश– 7.42 लाख टन (5.88 लाख टन सरसों खली, 1.54 लाख टन सोया खली)
★ दक्षिण कोरिया– 6.99 लाख टन (4.62 लाख टन सरसों खली, 1.80 लाख टन कैस्टरसीड खली, 0.57 लाख टन सोया खली)
★ थाईलैंड– 4.48 लाख टन (4.05 लाख टन सरसों खली, 0.31 लाख टन सोया खली)
★ ईरान, जर्मनी, फ्रांस– कुल 5.79 लाख टन सोया खली के बड़े आयातक