उत्तर प्रदेश में 2508 करोड़ रुपए मूल्य के 10.27 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद

21-Jun-2025 04:04 PM

लखनऊ। हालांकि वर्तमान रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में 30 लाख टन के नियत लक्ष्य के सापेक्ष महज करीब एक-तिहाई या 10.27 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई लेकिन फिर भी यह पिछले साल की मात्रा 9.31 लाख टन से करीब एक लाख टन ज्यादा रही।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश भारत में गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है लेकिन केन्द्रीय पूल में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का योगदान देने के मामले में पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं राजस्थान के बाद पांचवें नंबर पर है। 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश में 17 मार्च से गेहूं की सरकारी खरीद आरंभ हुई जो 15 जून को समाप्त हो गई। गेहूं की खरीद के लिए समूचे राज्य में 5853 क्रय केन्द्र खोले गए थे।

इन क्रय केन्द्रों पर 2 लाख से अधिक किसानों से 10.27 लाख टन गेहूं खरीदा गया और इसके लिए उसे 2508.26 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।

किसानों से केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 2425 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद की गई। ध्यान देने की बात है कि राज्य सरकार के निर्देश पर इस बार गेहूं खरीद बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामीण इलाकों में मोबाइल क्रय केन्द्र पहुंचाए गए मगर फिर भी कुल खरीद नियत लक्ष्य से करीब 60 प्रतिशत पीछे रह गई। 

यह सही है कि उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद बढ़कर इस बार नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची मगर व्यापारियों को एवं फ्लोर मिलर्स को भी इसकी खरीद करने में काफी अच्छी सफलता प्राप्त हुई।

सरकारी क्रय केन्द्रों पर सुबह 8 बजे से रात्रि के 8 बजे तक गेहूं की खरीद जारी रहती थी और छुट्टी (अवकाश) वाले दिन भी सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी गांव-गांव में जाकर किसानों को गेहूं के बेचने  के लिए प्रेरित-प्रोत्साहित कर रहे थे।