दलहनों का फिसलता बाजार

28-Jun-2025 11:36 AM

पिछले साल तक घरेलू एवं वैश्विक बाजार में दलहनों का भाव काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा था और भारत में इसके आयात की गति भी तेज बनी हुई थी। अत्यन्त विशाल आयात के कारण घरेलू प्रभाग में दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति मात्रात्मक सुगम होती गई जिससे कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल भी समाप्त हो गया।

हालत यह हो गई है कि तुवर का दाम जो कभी 10,000 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर चल रहा था वह घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य 7550 रुपए प्रति क्विंटल से भी नीचे आ गया और इसके फलस्वरूप सरकार को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत विशाल मात्रा में इसकी खरीद का अवसर मिल गया।

इतना ही नहीं बल्कि मूंग, उड़द, मसूर तथा चना का दाम भी अपने शीर्ष स्तर से घटकर काफी नीचे आ गया। दरअसल पीली मटर, देसी चना, उड़द एवं तुवर के भारी-भरकम आयात ने दलहन बाजार का समीकरण बिगाड़ दिया।

इससे आम उपभोक्ताओं को तो महंगाई से कुछ राहत मिली मगर किसानों को आकर्षक वापसी हासिल करने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है।

सरकार ने दिसम्बर 2023 में पीली मटर तथा मई 2024 में देसी चना के आयात को लम्बे समय के बाद शुल्क मुक्त कर दिया। इसी तरह तुवर, उड़द एवं मसूर का शुल्क मुक्त आयात जारी रहा।

अब तुवर, उड़द एवं पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अवधि 31 मार्च 2026 तक के लिए बढ़ा दी गई है जबकि देसी चना तथा मसूर पर 10-10 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा दिया गया है जो ज्यादा ऊंचा नहीं है। 

लेकिन भारत में दलहनों के आयात के गति धीमी पड़ गई है। चूंकि भारत दुनिया में दलहनों के सबसे प्रमुख उत्पादक के साथ-साथ सबसे बड़ा  खपतकर्ता एवं आयातक देश भी है इसलिए वहां मांग कमजोर पड़ने से प्रमुख आपूर्तिकर्ता देशों में दलहनों का भाव नरम पड़ गया।

प्राप्त सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-मई 2024 में दलहनों का आयात खर्च उछलकर 78.20 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया था जो अप्रैल-मई 2025 में 37 प्रतिशत घटकर 49.20 करोड़ डॉलर पर अटक गया।

पिछले वित्त वर्ष की सम्पूर्ण अवधि में यानी अप्रैल 2024 में खर्च 2025 के दौरान दलहनों के आयात पर होने वाला कुल खर्च उछलकर 5.5 अरब डॉलर के ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था

लेकिन 2025-26 के वर्तमान वित्त वर्ष में आयात खर्च घटने की संभावना है क्योंकि एक तो दलहनों का घरेलू एवं वैश्विक बाजार भाव नरम पड़ गया है और दूसरे इसके आयात की मात्रा में भी कमी आने की उम्मीद है।