दक्षिणी राज्यों में लौटते मानसून से भारी वर्षा

17-Oct-2025 07:01 PM

तिरुअनन्तपुरम। दक्षिण-पश्चिम मानसून अब अपनी वापसी यात्रा के अंतिम चरण में पहुंच गया है और जल्दी ही देश से प्रस्थान  कर जाएगा। इसके साथ ही उत्तर-पूर्व मानसून दस्तक देने के लिए तैयार हो जाएगा।

उत्तर-पूर्व मानसून के दौरान खासकर दक्षिण भारत में अक्टूबर से दिसम्बर के बीच दूर-दूर तक भारी वर्षा होती है। मौसम विभाग के अनुसार पिछले दिनों तमिलनाडु के कई जिलों में अच्छी बारिश हुई जिसमें कोयम्बटूर, नीलगिरी, तेनकाशी और थेनी जिले भी शामिल है। चेन्नई तथा आसपास के क्षेत्रों में भी सामान्य बरसात हुई। 

हालांकि उत्तर पूर्व मानसून के आगमन का औपचारिक समय 1 अक्टूबर से माना जाता है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रस्थान करने में देरी होने से इसका आगमन लेट से हो रहा है।

चालू वर्ष के दौरान यद्यपि दक्षिण-पश्चिम मानसून पश्चिम राजस्थान एवं गुजरात के कुछ भागों से 14 सितम्बर को ही वापस लौटने लगा था। मगर एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद यह पूरी तरह प्रस्थान नहीं कर पाया है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक जून से सितम्बर के चार महीनों तक सक्रिय रहने वाले दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान देश में दीर्घकालीन औसत से करीब 8 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

वर्षा का वितरण कुछ हद तक असमान रहा। देश के पश्चिमोत्तर, पश्चिमी एवं मध्यवर्ती भाग में ज्यादा वर्षा हुई। दक्षिणी भारत में भी सामान्य औसत से 7 प्रतिशत अधिक बारिश हुई मगर पूर्वी एवं पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश कम हुई। वैसे अक्टूबर के प्रथम सप्ताह के दौरान बिहार-बंगाल में जोरदार वर्षा दर्ज की गई।

सामान्य औसत से अधिक बारिश होने से जहां कुछ क्षेत्रों में भयंकर बाढ़ आ गई और खरीफ फसलों को नुकसान हुआ वहीं  दूसरी ओर बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर काफी बढ़ गया। इससे रबी फसलों की बिजाई एवं प्रगति के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा।