शानदार उत्पादन एवं बेहतर स्टॉक से गेहूं की उपलब्धता सुगम रहने की उम्मीद
21-Apr-2025 03:40 PM

नई दिल्ली। खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आक्रामक बिक्री नहीं करके सरकार ने केन्द्रीय पूल में काफी गेहूं बचा लिया जबकि चालू वर्ष के दौरान शानदार उत्पादन होने के कारण इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति घरेलू प्रभाग में सुगम बनी रहेगी
और विदेशों से इसके आयात की संभावना लगभग समाप्त हो जाएगी। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार ऊंचा स्टॉक उपलब्ध रहने से घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों पर दबाव पड़ सकता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1 अप्रैल 2025 को केन्द्रीय पूल में करीब 118 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद था जो गत वर्ष के 75 लाख टन के स्टॉक से 43 लाख ज्यादा था।
नियमानुसार 1 अप्रैल को केन्द्रीय पूल में कम से कम 74.80 लाख टन गेहूं का स्टॉक होना चाहिए। इस बार कुछ राज्यों में मार्च में ही गेहूं सरकारी खरीद आरंभ हो गई थी और 4 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।
इससे भी स्टॉक बढ़ाने में सहायता मिली। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ओएमएसएस के तहत केन्द्रीय पूल से 94.10 लाख टन गेहूं बेचा गया था जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में केवल 30 लाख टन की ही बिक्री की गई।
इसके फलस्वरूप गेहूं का बाजार भाव ऊंचे स्तर पर बरकरार रहा। एक कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि केन्द्रीय पूल में गेहूं का विशाल स्टॉक रखना एवं उसे बाजार में नहीं उतारना सही नीति नहीं मानी जा सकती।
फरवरी 2025 में जब गेहूं का घरेलू बाजार भाव बढ़कर 3000 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर पहुंच गया और विदेशों से इसके शुल्क मुक्त आयात की जोरदार मांग उठने लगी तब भी सरकार ने अपने स्टॉक से इसकी बिक्री बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। गेहूं पर 40 प्रतिशत का भारी-भरकम आयात शुल्क लगा हुआ है।
उपभोक्ता मामले विभाग के अनुसार पिछले सप्ताह अखिल भारतीय स्तर पर गेहूं का औसत थोक बाजार भाव 2824.70 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो पिछले माह की तुलना में 4 प्रतिशत कम मगर गत वर्ष के मुकाबले करीब 4 प्रतिशत ऊंचा रहा।
विभिन्न उत्पादक राज्यों में नए माल की बढ़ती आवक के साथ गेहूं के दाम में नरमी देखी जा रही है इसलिए इसके आयात की आवश्यकता नहीं है।
पिछले दो-तीन वर्षों से सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक घट रहा था इसलिए खाद्य मंत्रालय ने 2024-25 में कीमतों को नियंत्रित करने के बजाए स्टॉक का स्तर ऊंचा रखने पर विशेष जोर दिया।