स्टॉक की अधिकता एवं कमजोर मांग से जीरा में भारी तेजी के संभावना कम
13-Jun-2025 08:27 PM

राजकोट। दोनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- गुजरात एवं राजस्थान में उत्पादकों एवं स्टॉकिस्टों के पास जीरा का अच्छा खास स्टॉक अभी मौजूद है जबकि इसकी घरेलू एवं निर्यात मांग कमजोर चल रही है।
राजस्थान में हल्की क्वालिटी के जीरे की ज्यादा आवक हो रही है जिसे नीचे दाम पर निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे अच्छी क्वालिटी के जीरे की कीमत भी प्रभावित हो रही है।
इन दोनों राज्यों में पिछले सीजन के दौरान जीरा का शानदार उत्पादन हुआ था और वित्त वर्ष 2024-25 के बेहतर निर्यात के बावजूद वहां स्टॉक काफी बच गया था। इसके फलस्वरूप 2024-25 के सीजन में उत्पादन घटने के बाद भी कुल उपलब्धता की स्थिति संतोषजनक एवं सुगम बताई जा रही है।
राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर एवं बीकानेर तथा गुजरात के मेहसाणा, ऊंझा एवं सौराष्ट्र संभाग में जीरे का अच्छा स्टॉक मौजूद है और उत्पादक एवं स्टॉकिस्ट इसकी बिक्री में भारी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
निर्यात मांग सुस्त पड़ गई है और दिसावरी व्यापारी ऊंचे दाम पर माल खरीदने में आनाकानी कर रहे हैं। स्टॉकिस्टों तथा उत्पादकों को धन की तंगी सता रही है।
सटोरिए वायदा बाजार को ज्यादा ऊपर नहीं उठने देंगे। निर्यातकों ने पहले ऊंचे भाव पर जो माल खरीदा वह भी फंस गया है। अगले महीने से अन्य सभी प्रमुख उत्पादक देशों में नए जीरे की आवक जोर पकड़ सकती है जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौती भी बढ़ सकती है।
गुजरात के सबसे प्रमुख व्यापारिक केन्द्र- ऊंझा मंडी में सामान्य औसत क्वालिटी वाले जीरे का भाव जनवरी में 4900/5000 रुपए प्रति 20 किलो से घटकर अब 4200/4225 रुपए प्रति 20 किलो पर आ गया है।
राजस्थान में तो यह 3700/3850 रुपए प्रति 20 किलो चल रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि जब तक निर्यात मांग मजबूत नहीं होगी तब तक जीरा के दाम में भारी तेजी की गुंजाईश नहीं बनेगी और यह निश्चित दायरे में ही घूमता रहेगा।