सीसीआई द्वारा अब तक 86 लाख गांठ कपास की खरीद

05-Feb-2025 11:58 AM

हैदराबाद । टेक्सटाइल उद्योग एवं व्यापारियों की सक्रियता कम होने से घरेलू प्रभाग में मांग एवं कीमत घटने के कारण सरकारी एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) को किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर विशाल मात्रा में रूई खरीदने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

निगम ने किसानों से कहा है कि वे मंडियों में औने-पौने दाम पर अपनी रूई की बिक्री न करें क्योंकि जब तक सरकारी क्रय केन्द्रों पर इसकी आवक होती रहेगी तब तक सीसीआई द्वारा उसकी खरीद जारी रखी जाएगी। रूई की सम्पूर्ण विपणन योग्य स्टॉक की खरीद सुनिश्चित की जा रही है। 

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार मंडियों में पहुंचने वाली कपास के अधिकांश भाव यानी लगभग 80 प्रतिशत तक की खरीद सरकारी एजेंसी द्वारा की जा रही है जबकि व्यापारियों द्वारा सीमित मात्रा में इसे खरीदा जा रहा है।

तेलंगाना की वारंगल मंडी में 3 फरवरी को सीसीआई ने 6837 क्विंटल तथा व्यापारियों ने 630 क्विंटल रूई की खरीदारी की। 

सीसीआई के सीएमडी का कहना है कि निगम द्वारा अब तक समूचे देश में 86 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) कपास की खरीद की जा चुकी है जबकि खरीद की प्रक्रिया अभी जारी है।

पिछले मार्केटिंग सीजन की सम्पूर्ण अवधि के दौरान केवल 32-84 लाख गांठ कपास की सरकारी खरीद हुई थी। कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इस बार 7.5 प्रतिशत का इजाफा किया गया है।

उल्लेखनीय है कि बिनौला रहित शुद्ध रूई (लिंट) का बाजार भाव भी गत वर्ष से नीचे चल रहा है। सीएमडी के अनुसार एमएसपी पर किसानों से कपास की खरीद निरंतर जारी है और 15 मार्च तक बरकरार रहने की संभावना है।

हालांकि जगह की कमी के कारण कहीं-कहीं कपास की खरीद दो-चार दिनों के लिए स्थगित करनी पड़ी लेकिन बाद में वहां खरीद पुनः चालू हो गई।

महाराष्ट्र में भारी आवक के कारण जनवरी के अंतिम सप्ताह में कुछ फैक्ट्रियां बंद हो गई थीं। महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह तक 38.50 लाख गांठ कपास की खरीद हुई।